- गाजियाबाद विधानसभा उप चुनाव: मतदाता आज करेंगे अपने शहर विधायक के लिए मतदान
- भाजपा के संजीव शर्मा से मुकाबले के लिए तीनों प्रत्याशी लगा रहे जोर
- सपा प्रत्याशीमान रहे भाजपा से मुकाबला, संजीव शर्मा बसपा से मान रहे चुनाव
- आसपा प्रत्याशी सत्यपाल चौधरी बिगाड़ सकते हैं समीकरण
अशोक ओझा
गाजियाबाद। गाजियाबाद शहर विधानसभा उप चुनाव के लिए बुधवार को मतदान होगा। इस चुनाव में सभी प्रत्याशियों की नजर विधानसभा के सबसे बड़े वोट बैंक दलित समाज पर लगी है। सभी चारों प्रमुख प्रत्याशियों ने दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। वहीं, भाजपा का प्रयाश है कि दलित- मुस्लिम समीकरण को किसी भी प्रकार ध्वस्त किया जाये।
बता दें कि साढ़े चार लाख से अधिक मतदाताओं वाले गाजियाबाद शहर विधानसभा क्षेत्र में दलित और मुस्लिम मतदाता करीब करीब बराबरी की स्थिति में है। इस स्थिति में भाजपा का ध्यान जहां दलित मतदाताओं में विभाजन कर एक बड़ा हिस्सा अपने पक्ष में करने की तरफ है, वहीं सपा, बसपा और आसपा प्रत्याशी भी दलित मतदाताओं पर पूरा ध्यान केंद्रीत कर रहे हैं। भाजपा से पार्टी के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, आसपा से सत्यपाल चौधरी, सपा- कांग्रेस गठबंधन से सिंहराज जाटव एवं बसपा से पीएन गर्ग प्रत्याशी है। भाजपा की सबसे बड़ी ताकत उसका संगठन है। जबकि अन्य पार्टियां संगठन के मामले में भाजपा के मुकाबले कमजोर साबित हो रही है।
इस विधानसभा में दलित- मुस्लिम के बाद अन्य जातियों के मतदाता है। यदि भाजपा को देखें तो इस वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए जिले के प्रभारी एवं प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरूण का तूफानी दौरा दो दिन पहले ही करवाया है। इसके साथ ही मोदीनगर नगर पालिका चेयरमैन विनोद जाटव वैशाली एवं भाजपा के महानगर महामंत्री सुशील गौतम भी पूरी ताकत लगा रहे हैं। विनोद जाटव ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में अपने समाज के लोगों के साथ छोटी छोटी बैठकें की। दूसरी तरफ आसपा प्रत्याशी सत्यपाल चौधरी के लिए पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद चंद्र शेखर आजाद तूफानी दौरा कर चुके हैं। यदि सपा और बसपा को देखा जाये तो उनके लिए पार्टी के किसी दलित चेहरे ने प्रयास नहीं किया। अब देखना यह होगा कि दलित मतदाता किसके हिस्से में अधिक जायेंगे। भाजपा दलित समाज के बीच पिछले दस साल के काम गिना रही है, सपा अपने घिसे पिटे नारे संविधान बचाओं की दुहाई दे रही है, जबकि बसपा के पास कोई मुद्दा नहीं है।
अब जबकि बुधवार सुबह मतदान शुरू हो जायेगा उससे पहले चारों प्रत्याशियों ने अपनी पूरील ताकत मतदाताओं को रिझाने पर लगा दी है। बसपा प्रत्याशी वैश्य समाज से है जिस कारण वे भाजपा के वैश्य मतदाताओं में घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं। उनकी यह रणनीति कितनी रंग लायेगी यह तो समय ही बतायेगा। अब देखना होगा कि मतदाता किसे अपना विधायक चुनते हैं।