- डा. उदिता त्यागी ने हरिद्वार में सन्त समाज से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का साथ देने का निवेदन किया
- श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज के बयानों की सत्यता की जांच के लिये बनाएगा आंतरिक कमेटी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहे शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी को अभूतपूर्व समर्थन मिला।
यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महामंत्री डॉ उदिता त्यागी ने बुधवार को हरिद्वार में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा जाकर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज को शिवशक्ति धाम डासना में चल रहे वर्तमान प्रकरण के विषय में चर्चा की। हरि गिरी महाराज ही महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के गुरु हैं। डॉ उदिता त्यागी ने आज हरिद्वार के सन्त समाज से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का समर्थन करने का निवेदन किया।
डॉ उदिता त्यागी से विषय की सम्पूर्ण जानकारी लेकर श्री महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने जो भी कहा है,उसको लेकर एक गहन शोध होना चाहिए। शिवशक्ति धाम डासना में हिंदुओ की सभी 36 बिरादरियों की महापंचायत में जो मांग की गई है कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की बातों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया जाए, हम भी इस मांग का समर्थन करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मांग को स्वीकार करके ऐसा आयोग बनाना ही चाहिए। यह जांच आयोग दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा। इससे सम्पूर्ण विश्व को सत्य का पता चलेगा और भ्रम की स्थिति दूर होगी। अगर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की बातें असत्य और तथ्यविहीन पाई जाती हैं तो हम भी उनके लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुमोदन करेंगे। अगर उनकी बातों में सत्यता निकलती है तो सम्पूर्ण संत समाज अपनी पूरी शक्ति के साथ उनका साथ देने को विवश होगा। आज सम्पूर्ण संत समाज सनातन धर्म के अस्तित्व को लेकर चिंतित है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिवशक्ति धाम डासना की पंचायत की इस मांग का समर्थन हिंदुओ और मुसलमानों के सभी धर्मगुरुओं को करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा अपने स्तर पर भी एक कमेटी बनाएगा जो महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की इस्लाम सम्बन्धी वक्तव्य की गहन जांच करेगी और यह तय करेगी कि श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की इस विषय मे क्या रणनीति होगी।