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यमुना एक्सप्रेस वे अनापत्ति प्रमाण पत्र दे तो शीघ्र शुरू हो सकता है लूप बनाने का काम

  • ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ने का मामला
  • आगरा, लखनऊ और जेवर एयरपोर्ट पहुंच जा सकेगा आसानी से
  • नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वाहनों का दबाव भी होगा कम

अशोक ओझा
गाजियाबाद/ ग्रेटर नोएडा
। यदि यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण भारतीय राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अनापत्ति प्रमाण पत्र दें तो ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस से यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने का काम जल्द शुरू हो सकता है। यमुना प्राधिकरण अब तक भी एनएचएआई को एनओसी उपलब्ध नहीं करवा पाया है।

बता दें कि प्रति दिन हजारों की संख्या में लोग मेरठ- गाजियाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से आगरा एवं लखनऊ आते जाते हैं। इन लोगों को या तो दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे होकर या दिल्ली- मेरठ रोड (पुराना एनएच 58) से होकर नोएडा एवं गे्रटर नोएडा होते हुए यमुना एक्सप्रेस वे जाना पड़ता है। जबकि, यमुना एक्सप्रेस वे के ऊपर से होकर ही ईस्टर्न पेरिफरल एक्सप्रेस वे जाता है। लेकिन आज तक भी दोनों एक्सप्रेस वे को जोड़ने का प्रयास नहीं किया गया। जब जनरल वीके सिंह केंद्र सरकार में सड़क परिवहन एवं राष्टÑीय राजमार्ग विभाग में राज्यमंत्री थे उस समय दोनों एक्सप्रेस वे को जोड़ने का प्रयास शुरू किया गया था। उन्होंने अनेक मौकों पर कहा भी था कि दोनों एक्सप्रेस वे जल्द ही आपस में जोड़ दिया जायेगा।

यमुना अथारिटी की हीलाहवाली के चलते लगातार हो रही देर
जानकारी के अनुसार पहले यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एनएचएआई से कहा था कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस को यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने का काम वह स्वयं करेंगे, एनएचएआई को इसका पैसा देना था। क्योंकि जमीन यमुना प्राधिकरण को ही देनी थी। लेकिन बाद में यमुना प्राधिकरण ने इससे हाथ खड़े कर दिये और एनएचएआई से कहा कि अब दोनों सड़कों को जोड़ने का काम एनएचएआई ही करेगा।

अब तक एनएचएआई को नहीं मिल सकी एनओसी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए लूप बनाया जाना है। इसके लिए एनओसी भी यमुना प्राधिकरण को ही देनी है। लेकिन अब तक एनओसी नहीं मिल सकी है। प्राधिकरण का कहना है कि एनओसी का प्रस्ताव भी यूपी कैबिनेट में पास होगा इसके बाद ही एनओसी मिल सकेगी।

अगले साल शुरू हो जायेगा जेवर एयरपोर्ट
अगले साल जेवर अंतर्राष्टÑीय हवाई अड्डे का संचालन भी शुरू होना है। यदि उससे पहले ही एनएचएआई को एनओसी मिल जाये तो लूप बनाने का काम तेजी से शुरू हो सकता है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही हरियाण के लोगों को भी जेवर एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो जायेगा। एनएचएआई के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि एनओसी मिलने के बाद काम तेजी से शुरू होगा। एनएचएआई ने अपनी सभी तैयारियां पूरी की हुई है।


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