Dainik Athah

दिल्ली- मेरठ रोड: बाबू जी धीरे चलना ‘बड़े रोड़े हैं इस राह में’

  • एनसीआरटीसी की लापरवाही आम जन पर पड़ रही भारी
  • आरआरटीएस शुरू हो गई मेरठ साऊथ तक, सड़क का निर्माण मोदीनगर तक भी पूरा नहीं
  • बरसात के चलते कोढ़ में खाज वाली स्थिति हो गई पुराने एनएच 58 की

अशोक ओझा
गाजियाबाद।
एक गाने के बोल है बाबू जी धीरे चलना, बड़े धोखे हैं इस राह में, इस गाने के बोल में हल्की सी तब्दीली करने के बाद हमने कहा है कि ‘बाबूजी धीरे चलना, बड़े रोड़े हैं इस राह में’ यह पंक्तियां दिल्ली- मेरठ रोड (पुराने एनएच 58) पर सटीक बैठती है। आम जनता परेशान है, जन प्रतिनिधि बार बार मुद्दे को गाजियाबाद से लेकर लखनऊ तक उठा रहे हैं, लेकिन जैसे जैसे आवाज उठती है वैसे वैसे सड़क की हालत खराब होती चली जाती है।

्नराष्टÑीय राजधानी रीजनल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक रैपिड रेल चलाने के लिए यूपी की सीमा (आनंद विहार) से मेरठ तक रैपिड रेल चलाने के लिए दिल्ली- मेरठ को निर्माण कार्य होने तक यूपी लोक निर्माण विभाग से अधिग्रहित कर लिया था। एनसीआरटीसी को पूरी रोड इस शर्त पर दी गई थी कि रैपिड रेल चलने के बाद सड़क को पूरी तरह बनाकर एनसीआरटीसी प्रबंधन यूपी पीडब्ल्यूडी को वापस सौंपेंगे। जब रैपिड रेल दुहाई तक शुरू हुई थी उस समय यह घोषणा की गई थी कि जहां जहां तक रैपिड रेल पहुंचेगी वहां तक सड़क का निर्माण पहले ही पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन स्थिति यह है कि रैपिड रेल साहिबाबाद से मेरठ साऊथ तक पहुंच गई, लेकिन सड़क का निर्माण मोदीनगर तक भी नहीं गया है।

इस मार्ग पर मुरादनगर गंग नहर के बाद सड़क की हालत लगातार खराब होती चली गई। सीकरी कलां गांव से मेरठ की सीमा तक सड़क की स्थिति अधिक खराब है। पिछले दिनों हुई बरसात के बाद तो स्थिति यह हुई कि कदम कदम पर बड़े बड़े गड्डे हो गये हैं जिस कारण वाहन कहां उछल जाये कुछ भी कहना कठिन है। एनसीआरटीसी अथवा आरआरटीएस प्रबंधन की बात करें तो जब जब बात की गई वहां से यहीं बताया गया कि नये टेंडर हो रहे हैं, लेकिन अब तक भी सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो सका। बरसात के बाद तो कभी दो पहिया वाहन चालक सड़क पर गिर रहा है तो कभी ई रिक्शा पलट जाता है। लेकिन लगता है कि एनसीआरटीसी प्रबंधन को इससे कोई मतलब नहीं।

जब टूटी सड़क से गुजरेंगे तभी बैठेंगे आरआरटीएस में

मोदीनगर निवासी सुशील त्यागी कहते हैं कि शायद आरआरटीएस वाले सड़क को इसलिए नहीं बना रहे कि यदि सड़क टूटी रहेगी तो लोगों को परेशानी होगी और वे आरआरटीएस से सफर करेंगे।

डा. मंजू शिवाच, विधायक मोदीनगर

मुरादनगर से मोदीनगर की सीमा में दिल्ली- मेरठ मार्ग की सड़क का मुद्दा लगातार जिलाधिकारी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक उठाया गया है, बावजूद इसके आरआरटीएस प्रबंधन का लोगों की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं है। लगता है आरआरटीएस प्रबंधन किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। इससे आम जनता में सरकार के प्रति गलत संदेश जा रहा है।

डा. मंजू शिवाच, विधायक मोदीनगर

इन्द्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी गाजियाबाद

दिल्ली- मेरठ मार्ग की खराब स्थिति के संबंध में आरआरटीएस प्रबंधन से बात की जायेगी। यह मुद्दा जिले के प्रभारी मंत्री के समक्ष भी उठा था। जल्द ही समस्या का समाधान करवाया जायेगा।

इन्द्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी गाजियाबाद


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