Dainik Athah

प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ रही योगी सरकार

  • मिशन कर्मयोगी के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर यूपी के 94 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
  • अब तक 28,881 कर्मचारी और अधिकारियों ने पूरा किया प्रशिक्षण, करीब 6 हजार अधिकारियों ने पूरा किया कोर्स
  • प्रदेश सरकार के सभी 43 विभागों में मिशन कर्मयोगी को लेकर नोडल अधिकारी किए गए हैं नियुक्त
  • कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता के लिए ‘कर्मचारी टू कर्मयोगी’ अभियान के माध्यम से किया गया वर्कशॉप का आयोजन
  • कर्मचारियों और अधिकारियों के क्षमता विस्तार और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप कुशल बनाना मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमता निर्माण (कैपेसिटी बिल्डिंग) को सुधारना और उन्हें भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार कुशल बनाने के लिए पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। पीएम मोदी के विजन के अनुरूप और सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश में तैनात ज्यादा से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए स्थापित इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) पोर्टल में 94 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी और अधिकारी ऑनबोर्ड या रजिस्टर्ड हो चुके हैं। वहीं, 45 हजार से ज्यादा ने पाठ्यक्रम में अपना नामांकन कराया है, जिसमें करीब 29 हजार ने कोर्स पूरा कर लिया है। इनमें करीब 6 हजार अधिकारी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2 सितंबर, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “मिशन कर्मयोगी” को शुरू करने की मंजूरी प्रदान की थी।

अभियान चलाकर किया गया वर्कशॉप्स का आयोजन
हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (यूपीएएएम) के प्रस्तुतिकरण में मिशन कर्मयोगी में उत्तर प्रदेश की भागीदारी की जानकारी दी गई। उपाम के डीजी वेंकटेश्वर लू और अपर निदेशक सुनील कुमार चौधरी ने यह प्रस्तुतिकरण दिया। अपर निदेशक सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि आई-जीओटी पोर्टल पर प्रदेश के 43 विभागीय नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं। वहीं, 94 हजार से ज्यादा ऑफिशियल्स ऑनबोर्ड या रजिस्टर हो चुके हैं। 45 हजार से ज्यादा कोर्स इनरोलमेंट के साथ ही 28,881 ने कोर्स कंप्लीट कर लिया है। इनमें 5,921 ऑफिशियल्स ने भी अपना कोर्स कंप्लीट कर लिया है। योगी सरकार ने कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में कर्मचारी टू कर्मयोगी अभियान के माध्यम से वर्कशॉप्स का आयोजन किया, जिसके तहत प्रदेश के 14 ट्रेनिंग इंस्टीट्यूस में अभियान के तहत कर्मचारी टू कर्मयोगी ट्रेनिंग प्रदान की गई। वहीं, 10 जिलों में फील्ड विजिट करके वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया। इसी तरह 8 विभागों में अब तक वर्कशॉप का आयोजन किया जा चुका है।

कार्यक्रम लागू करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा उपाम
उत्तर प्रदेश में मिशन कर्मयोगी को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (उपाम) सक्रिय भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत उपाम से अपेक्षा की गई है कि वह प्रत्येक विभागों और राज्य के विभिन्न संगठनों के लिए नोडल अधिकारी और एमडीओ (MDO) को नामित करेगा। इसके साथ ही हर नोडल अधिकारी और एमडीओ को आईगॉट पोर्टल पर शामिल करेगा। यही नहीं, प्रत्येक विभाग के सभी कर्मियों को नोडल अधिकारियों के माध्यम से पोर्टल पर शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कर्मियों और पाठ्यक्रम सामग्री को विभागों द्वारा अपलोड करने के संबंध में मासिक बैठक का आयोजन करना और विभिन्न विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए गए कर्मियों और पाठ्यक्रम सामग्री के ऑनबोर्डिंग की निगरानी करना भी उसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल है।

कार्यकुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है उद्देश्य
मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सिविल सेवकों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने पर केंद्रित है, ताकि वे देश की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकें। इस मिशन के माध्यम से सिविल सेवकों के व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए लगातार शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। मिशन कर्मयोगी के तहत, सरकार कर्मचारियों को नई तकनीक, नेतृत्व कौशल और प्रशासनिक सुधारों से परिचित कराती है, जिससे वे अधिक कुशलता और प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें। साथ ही इसमें विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम शामिल हैं, ताकि वे अपने कार्यक्षेत्र में लगातार निपुणता प्राप्त कर सकें। इसके लिए आईगॉट कर्मयोगी पोर्टल निर्मित किया गया है, जहां सरकारी कर्मियों को उनकी योग्यता और कौशल को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों की सुविधा दी जाती है।

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