Dainik Athah

हाथ धोने के फायदों से परिचित हुए 1.32 लाख परिषदीय विद्यालयों के 1.40 करोड़ नौनिहाल

  • योगी सरकार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग में मनाया जा रहा स्वच्छता पखवाड़ा
  • सोमवार और मंगलवार को मनाया गया ‘स्वच्छता जागरूकता दिवस’
  • बच्चों और शिक्षकों के साथ समुदाय के लोगों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
योगी सरकार, एक से 15 सितम्बर तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ मना रही है। पहली सितम्बर को ‘स्वच्छता शपथ’ से शुरू हुए इस पखवाडे़ के दूसरे व तीसरे दिन ‘स्वच्छता जागरूकता दिवस’ मनाया गया। इस दौरान प्रदेश के लगभग 1.32 लाख परिषदीय विद्यालयों के 1.40 करोड़ नौनिहालों ने ‘स्वच्छता शपथ’ ली और ‘हाथ धोने’ के महत्व को जाना।

विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां संचालित
पहली सितम्बर से एक ‘पखवाड़ा’ यानी 15 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों और शिक्षकों के साथ समुदाय के लोगों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। योगी सरकार द्वारा मनाये जाने वाले ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ के दूसरे दिन सोमवार को परिषदीय विद्यालयों के बच्चों, शिक्षकों और स्टॉफ को ‘स्वच्छता शपथ’ दिलाई गई। वहीं, मंगलवार को ‘स्वच्छता जागरूकता दिवस’ मनाया गया। शपथ दिलाने के बाद मंगलवार को विद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों का क्रम शुरू हो गया।

‘अभिभावकों ने जाना वर्षा जल संरक्षण का महत्व’
मंगलवार को ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ में प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में एसएमसी/एसएमडीसी/पीटीए की बैठकें आयोजित हुईं। इस दौरान छात्रों को स्वच्छता और हाथ धोने के महत्व और उनके लाभ के बारे में बताया गया। इस दौरान होने वाले अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में अभिभावकों को जल संरक्षण/वर्षा जल संचयन की विधियों से परिचित कराया गया और उन्हें बढ़ावा देने व अपनाने पर बल दिया गया। बच्चों को स्कूल के साथ-साथ घर में स्वच्छता और सफाई के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया।

यह कार्य भी हुआ
. स्कूल अथवा संस्थान के हर कोने में स्वच्छता सुविधाओं का निरीक्षण करने के लिए शिक्षकों को टिप्स प्रदान किए गए।
. शौचालय, एमडीएम रसोई, कक्षाओं, पंखों, दरवाजों, खिड़कियों, परिसर में झाड़ियों को साफ किया गया। कीटाणुशोधन का उपयोग कर परिसर को कीटाणु मुक्त करने का प्रयास हुआ।
. स्कूलों के परिसर से बेकार सामग्रियों, जैसे टूटा हुआ फर्नीचर, अनुपयोगी उपकरण, बेकार वाहन आदि को पूरी तरह से हटाया गया।

बनी योजना, हुआ विचार
. त्वरित मूल्यांकन और सुविधाओं के रखरखाव के लिए योजना बनी।
. हाथ धोने की सुविधा, दैनिक सफाई और कीटाणुशोधन, शौचालय का उपयोग, जल सुविधा का उपयोग, वेंटिलेशन, अपशिष्ट प्रबंधन आदि के लिए अनुकूलन पर स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ दिनवार चर्चा करने सम्बन्धी योजना बनी।
. स्कूल में पाइप से पानी की आपूर्ति कनेक्शन परखे गये और ‘कैच द रेन- 2024’ अभियान के मद्देनजर स्कूल में जल संचयन प्रणालियों के संबंध में विचार हुआ।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *