- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कर रहा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की शुरूआत
- उत्कृष्ट स्थान और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आगरा के औद्योगिक क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करेगी योगी सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना
- आगरा की समृद्ध धरोहर का लाभ उठाते हुए, गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को बढ़ावा देकर, आगरा को प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करेगी आईएमसी
- आर्थिक विकास को गति, मजबूत उद्योगों के बीच बेहतर समन्वय और क्षेत्र के कुशल कार्यबल और स्थानीय विशेषज्ञता को प्रोत्साहित करेगा क्लस्टर
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) जल्द ही आगरा में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्वरिंग क्लस्टर (आईएमसी) की शुरूआत करने जा रहा है। योगी सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना अपने उत्कृष्ट स्थान और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आगरा के औद्योगिक क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करेगी। आईएमसी आगरा, चमड़े, जूते और कृषि आधारित उत्पादों जैसे क्षेत्रों में आगरा की समृद्ध धरोहर का लाभ उठाते हुए, गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों को बढ़ावा देकर, आगरा को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करेगी। यह क्लस्टर आर्थिक विकास को गति देगा, मजबूत उद्योगों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करेगा और क्षेत्र के कुशल कार्यबल और स्थानीय विशेषज्ञता को प्रोत्साहित करेगा।
दिल्ली और लखनऊ से बेहतर कनेक्टिविटी
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के अनुसार आगरा की पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता, खासकर ताज ट्रैपेजिÞयम जोन के तहत, इसे पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक संचालन के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। आईएमसी आगरा इन पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ पूरी तरह मेल खाता है, जो टिकाऊ औद्योगिक तकनीकों के लिए प्रदूषण मुक्त और अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। इस परियोजना का स्थान इसे निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बनाता है। इनर रिंग रोड के किनारे स्थित यह क्लस्टर दो प्रमुख क्लोवरलीफ जंक्शनों एनएच-19, जो दिल्ली एनसीआर से जोड़ता है, और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से समान दूरी पर स्थित है। इस बेहतरीन स्थान की वजह से सड़क कनेक्टिविटी बेहद अच्छी है, जिससे साइट को दो हिस्सों में विभाजित किया जा सकता है। आईएमसी को उत्तर प्रदेश के विस्तृत एक्सप्रेसवे नेटवर्क से भी फायदा मिलेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा और यात्रा का समय कम होगा।
माल ढुलाई में भी आसानी
उन्होंने कहा कि एनएच-19 और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की नजदीकी सड़क परिवहन को आसान बनाती है। न्यू टूंडला स्टेशन से 22 किमी दूर स्थित, आईएमसी आगरा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) से जुड़ने के लिए एकदम सही स्थान पर है।यह स्थान कुशल रेल माल ढुलाई और सड़क पर भीड़भाड़ कम करने मैं पूरा सहयोग करेगा। यह वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के साथ बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करती है। इसके अलावा, प्रस्तावित जेवर हवाई अड्डा, जो यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से 140 किमी दूर है, हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, उच्च मूल्य वाले कार्गो के परिवहन का समर्थन करेगा और व्यापारिक यात्रियों के लिए आसानी से पहुंच उपलब्ध कराएगा।
1000 एकड़ में फैली है परियोजना
आईएमसी आगरा, प्रस्तावित राष्ट्रीय जलमार्ग-110 (एनडब्ल्यू-110) के पास स्थित है, जहां से समोगर मुस्तकिल में कार्गो टर्मिनल केवल 1 किमी की दूरी पर है। यह जलमार्ग माल परिवहन के लिए एक प्रभावी विकल्प प्रदान करेगा और रेल नेटवर्क से जुड़कर लॉजिस्टिक क्षमताओं को और मजबूत करेगा। यह परियोजना आगरा के बाहरी इलाके में लगभग 1,000 एकड़ में फैली हुई है, जिसे बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास के उद्देश्य से अधिग्रहित किया गया है। इस परियोजना का व्यापक इंफ्रास्ट्रक्बर और महत्वपूर्ण स्थान आगरा को एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाता है।
आधुनिक औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक बनेगा क्लस्टर
उन्होंने कहा कि आईएमसी आगरा सिर्फ एक क्लस्टर नहीं है, बल्कि आधुनिक औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक है। इसमें एकीकृत उपयोगिता प्रबंधन के लिए सिटीजन मोबाइल एप्लिकेशन, डिजिटल साइनेज, सोलर पैनल और वाई-फाई स्पॉट के साथ स्मार्ट बस स्टॉप शामिल हैं। साथ ही, इसमें फाइबर आॅप्टिक नेटवर्क, यूपीएस और डीजल जनरेटर बैकअप के साथ एक मजबूत आईसीटी और स्काडा प्रणाली भी मौजूद है।साथ ही, पर्यावरण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए, आईएमसी आगरा में परिवेशी वायु गुणवत्ता मॉनिटर के साथ एक एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) स्थापित किया गया है। आने वाले वर्षों में ये दो परियोजनाएं उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देगी।