भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी 26 अगस्त को आ रही है। भगवान कृष्ण जी का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी जयंती योग में मनाई जाएगी। भाद्रपद कृष्णाष्टमी दिन सोमवार रात्रि 1:19 तक है। कृतिका नक्षत्र दोपहर बाद 15:54 बजे तक है, उसके पश्चात रोहिणी नक्षत्र है जो अगले दिन 15:37 बजे तक रहेगा। व्याघात योग 22:15 बजे तक है। उसके बाद हर्षल योग है जो शुभ माना जाता है इस दिन वृषभ के चंद्रमा है। चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहे हैं। ये सब योग भगवान कृष्ण के जयंती उत्सव के लिए पर्याप्त है। इस दिन चंद्रमा रात्रि 23:22 बजे उदय होंगे। भक्तगण उदित चन्द्रमा को देखकर उनको अर्घ्य देकर भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाएंगे ।उसके पश्चात व्रत का पारायण करेंगे।इस सप्ताह भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्टि का क्षय हो गया है। अर्थात पंचमी और छठ तिथि 24 अगस्त शनिवार को होगी। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक दिन पहले हो गई है।जयंती योग में भगवान कृष्ण का जन्म बहुत शुभ माना जाता है । इसका विश्व पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा।। असुर शक्तियों का विनाश होगा और देश में खुशहाली बढ़ेगी।बिलों में छिपे हुए जहरीले नाग सामने आएंगे। जिनको चुन चुन करके उनको समाप्त किया जाएगा। जिस प्रकार कृष्ण जी ने शाम ,दाम ,दंड ,भेद नीति से असुरों का संहार करवाया था उसी प्रकार से योग बन रहे हैं।
आचार्य शिवकुमार शर्मा एवं वास्तु कंसल्टेंट गाजियाबाद