Dainik Athah

जयपुर के हिंदूवादियों ने बांग्लादेश में हुए हिन्दुओं पर हुए हमलों पर आक्रोश व्यक्त किया

  • विश्व धर्म संसद के लिये भिक्षा मांगने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज जयपुर पहुंचे
  • जो बांग्लादेश के हिन्दुओ के साथ हुआ है, वो बहुत जल्दी भारत के हिन्दुओं के साथ भी होगा: महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी

अथाह ब्यूरो
जयपुर।
बांग्लादेश के हिन्दुओं के साथ जो हो रहा है, यही इस्लाम का असली चेहरा है जो भीषण हमले आज बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे हंै, एक दिन ये भारत के कोने कोने में भी होगा क्योंकि जो इस्लाम बांग्लादेश के मुस्लिम मानते हैं, वो ही इस्लाम भारत सहित पूरे विश्व के मुस्लिम मानते हैं। अब ये सम्पूर्ण विश्व को तय करना है कि वो इनके साथ कैसे निर्वाह करेंगे।
ये विचार शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने जयपुर के प्रेस क्लब में व्यक्त किये। प्रेस क्लब में उनके साथ पंडित विजय कौशिक, राजू बॉक्सर, प्रेम प्रजापति, गुरवीर सिंह, सागर कुमार, प्रवीण कागदी, हरीश मीणा, रवि वासवानी, राम सिंह गोहिल तथा अन्य उपस्थित थे।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज अपने साथियों के साथ इस्लाम के जिहाद की अवधारणा को सम्पूर्ण विश्व को समझाने के लिये पांच दिवसीय विश्व धर्म संसद का आयोजन कर रहे हैं जिसमे सम्पूर्ण विश्व के सभी गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं और विचारकों को बुलाया जा रहा है। इस आयोजन को वो सम्पूर्ण भारत के हिन्दुओं से भिक्षा मांगकर कर रहे हैं। आज वो अपने शिष्यों यति सत्यदेवानंद, यति रामस्वरूपानंद, यति रणसिंहनन्द, यति परमात्मानंद तथा यति अभयानंद के साथ भिक्षा मांगने जयपुर आये।

उन्होंने विस्तार से विश्व धर्म संसद के विषय में जानकारी दी। विश्व धर्म संसद का आयोजन 17,18,19,20 और 21 दिसंबर 2024 को गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन के द्वारा अन्य संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि संपूर्ण विश्व में अपने मजहब के नाम पर निर्दोषों की हत्या करने का नाम ही इस्लामिक जिहाद है और ये सिखाने वाले संपूर्ण मानवता के अपराधी हैं। इनसे आज विश्व के सभी गैर मुस्लिमों को संघर्ष करना ही होगा। इस बार के लोकसभा चुनावों में जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री को जगह जगह अपनी सभाओ में इस्लामिक जिहाद की चर्चा करनी पड़ी, ये बहुत ही चिंता की बात है। इसे गम्भीरता से लेकर समाधान खोजने की जरूरत है। हमें यह भी समझना पड़ेगा कि इस्लामिक जिहाद किसी समुदाय विशेष, किसी क्षेत्र विशेष या देश विशेष की समस्या नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व के गैर मुस्लिमों की समस्या है और इसके समाधान के लिये विश्व स्तर के प्रयास अति आवश्यक है। विश्व धर्म संसद इसका रास्ता खोजने का कार्य करेगी। विश्व धर्म संसद के लिए चारो पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्य को मार्गदर्शन के लिये निवेदन किया जा चुका है। अब हम देश के सभी पंथों, सम्प्रदाय और धार्मिक समूहों के धर्मगुरुओ से विश्व धर्म संसद का सहयोगी बनने का निवेदन करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि जिहाद की विभीषिका को न समझने के कारण ही आज सम्पूर्ण मानवता विनाश की ओर तेजी से जा रही है। हम सनातन धर्म के मानने वाले इस्लामिक जिहाद के सबसे निरीह शिकार रहे हैं। इतने अवर्णनीय अत्याचारों के बाद भी हम विश्व को अपनी पीड़ा बता नहीं पाए। आज समय आ चुका है कि हम अपनी गलतियों को सुधारते हुए सम्पूर्ण विश्व को अपने साथ हो रहे अन्याय और अत्याचारों की सच्चाई से अवगत कराए और सम्पूर्ण विनाश को वैचारिक रूप से संघर्ष के लिये तैयार करें। हम विश्व धर्म संसद के माध्यम से अपनी यह जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि जो अमानवीयता गत वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के जिहादियों ने निर्दोष यहूदियों के साथ दिखाई और आज बांग्लादेश के निर्दोष हिंदुओं के साथ दिखा रहे हैं, वह उन्होंने हजारों बार हमारे साथ किया है।

हिंदू संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक व सभी सनातनी संगठनों के सहयोगी पंडित विजय कौशिक ने कहा कि अब समय आ गया है की सभी सनातनियो को अपने सभी मतभेदों को भुला कर अपने परिवार,अपने बच्चो और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए स्वयं खड़ा होना पड़ेगा। हम अपने धर्म की रक्षा का कार्य किसी और पर नहीं छोड़ सकते। इस्लाम के जिहादियों से टक्कर लेने का कार्य सभी सनातानियो को ही करना होगा। हम हर तरह से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी के साथ हैं और उनके हर कार्य में सहयोग करेगे।


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