- लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी हुई समीक्षा, क्यों पहले से कम मिले वोट
- पुलिस करती रही मुचलके, कार्यकर्ताओं की छोड़ो, नेताओं की भी नहीं सुनी जाती
- क्षत्रियों की नाराजगी का मुद्दा भी बना कारण
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले में भारतीय जनता पार्टी और रालोद के प्रत्याशी चाहे विजयी हो गये हो, लेकिन वोट पहले से कम मिलने से भाजपा नेतृत्व चिंतित है। भाजपा इन दिनों पूरे प्रदेश में हर जिले में पार्टी पदाधिकारियों को भेजकर समीक्षा में जुटी है कि आखिर 80 में 37 सीटों पर पार्टी क्यों हारी। गाजियाबाद जिले में समीक्षा करने बरेली जिले के विधायक के सामने पार्टी पदाधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भाजपा को नहीं मिल रहा है। इन योजनाओं का लाभ उठाने वाला बड़ा वर्ग भाजपा का वोटर हो भी नहीं सकता।
गाजियाबाद जिले में बरेली के फरीदपुर से विधायक प्रो. श्याम लाल भारती बुधवार को समीक्षा करने आये थे। उन्होंने पार्टी के महानगर कार्यालय में हर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ अलग अलग बैठक कर उनका फीडबैक लिया। इस दौरान जन प्रतिनिधियों में केवल सांसद अतुल गर्ग एवं मोदीनगर विधायक डा. मंजू शिवाच ही पहुंची। सूत्र बताते हैं कि अन्य विधायक लखनऊ में है। इनके साथ ही महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा एवं जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान मौजूद थे। जिले की सभी विधानसभाओं का जो लब्बोलुआब आया वह यह कि आयुष्मान कार्ड के लिए परिवार में छह सदस्यों का नियम बना दिया गया है, कार्यकर्ताओं ने समीक्षा करने आये विधायक जी से ही पूछ लिया कि क्या हिंदू परिवारों में छह व्यक्ति हो सकते हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी विशेष वर्ग खासकर मुस्लिमों को मिलता है। इन दोनों योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है।
पुलिस करती रही चुनाव के दौरान उत्पीड़न
कार्यकर्ताओं ने चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में मुचलके करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा समर्थकों के सबसे ज्यादा मुचलके किये गये। इससे लोगों में नाराजगी उत्पन्न हुई। इसके साथ ही जिस प्रकार वाहनों के चालान किये जाते हैं वह स्थिति ठीक नहीं है। स्पष्ट रूप से कहा गया कि पुलिस- प्रशासन में भाजपा कार्यकर्ताओं की बात तो दूर नेताओं तक की नहीं सुनी जाती।
मतदाता सूची में गडबड़ी
मतदाता सूची में गडबड़ी की बात सभी क्षेत्रों से सामने आई। जिनके वोट है वे रहते नहीं और जो रहते हैं उनके वोट गायब हो जाते हैं। इसके साथ ही सुझाव दिया गया कि लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय, ग्राम पंचायतों की मतदाता सूची एक हो।
400 पार का नारा ले डूबा, प्रत्याशियों ने नहीं किया खर्च
सूत्रों के अनुसार इस समीक्षा के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि 400 पार का नारा ले डूबा। इस नारे के चलते प्रत्याशियों ने पैसा भी खर्च नहीं किया गया। इस नारे के चलते संविधान खतरे में और आरक्षण समाप्त हो जायेगा जैसा कुप्रचार भी हुआ जिसका तोड़ भाजपा के पास नहीं था।
ओबीसी- दलित मतदाता छिटके
इसके साथ ही बताया गया कि ओबीसी और दलित मतदाता भी पार्टी से छिटके, पार्टी की तरफ से इनको जोड़े रखने का कोई प्रयास नहीं किया गया। इसके साथ ही जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता घर बैठ गये कि 400 सीटें जीत रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने क्षत्रिय समाज की नाराजगी का मुद्दा भी उठाया।
रालोद के कार्यकर्ताओं ने नहीं किया काम
इस दौरान लोनी और मोदीनगर के कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा पूरी ताकत से लगी रही, लेकिन रालोद कार्यकर्ताओं का सहयोग नहीं मिल सका। कहा गया कि बहुत कम सहयोग रालोद का मिला। इसके साथ ही अन्य मुद्दे भी उठे। अब यह रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को सौंपी जायेगी।
क्या बोले समीक्षा करने वाले विधायक
समीक्षा के संबंध में पूछे जाने पर विधायक श्याम लाल भारती ने कहा कि वे कोई समीक्षा करने नहीं आये, बल्कि कार्यकर्ताओं से मिलने आये थे। उन्होंने यह भी कहा कि जिले की दोनों सीटें हम जीत चुके हैं, जिस कारण समीक्षा का कोई मतलब नहीं था।