Dainik Athah

2024-25 में 4000 करोड़ से होगा पशुधन का संरक्षण

  • गौवंश समेत पशुओं के संरक्षण, चिकित्सा एवं सेवा को लेकर योगी सरकार ने बनाया एनुअल प्लान
  • पशु चिकित्सालयों, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्रों पर किए जाने प्रस्तावित खर्च का प्रस्तुत किया ब्यौरा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में गौवंश समेत पशुओं के संरक्षण, चिकित्सा और सेवा पर करीब चार हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग द्वारा इसको लेकर पूरा एनुअल प्लान बनाया गया है। इसमें गौवंश संरक्षण, पशु चिकित्सा शिक्षा के साथ ही पशु चिकित्सालय, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्र समेत अन्य क्षेत्रों में किए जाने वाले खर्च का पूरा ब्यौरा दिया गया है। एनुअल प्लान में इसके लिए 3907.1 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है।

140 करोड़ से गौसंरक्षण केंद्रों की स्थापना
एनुअल प्लान के अनुसार, गौवंश संरक्षण पर कुल 1,140 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत 140 करोड़ रुपए से गौसंरक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जबकि शेष एक हजार करोड़ रुपए से छुट्टा गौवंश के रखरखाव के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सा शिक्षा पर 179.74 करोड़ खर्च किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत गोरखपुर एवं भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना पर 100 करोड़ रुपए, मथुरा में पंडिद दीनदयाल पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान में वेतन सहायता एवं अनुदान के लिए 61.74 करोड़ और गैर वेतन सहायता अनुदान के रूप में 18 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे।

पशु चिकित्सालयों, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्रों पर खर्च होंगे 470 करोड़

इसके अलावा, पशु चिकित्सालय, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्र पर 470.30 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है। इसमें पशु चिकित्सालयों की स्थापना पर 55 करोड़, पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक की स्थापना पर 6 करोड़, पशु सेवा केंद्रों की स्थापना पर 4.5 करोड़, पशु चिकित्सालयों, सेवा केंद्रों, अनुसंधान एवं निदान सेवाएं (राजस्व मद) में 71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यही नहीं सचल पशु चिकित्सा सेवा पर 36.52 करोड़, राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 186.72 करोड़ रुपए और वैक्सीनेशन पर 22.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा, कृत्रिम गभार्धान व बांझपन निवारण के तहत कृत्रिम गभार्धान, वीर्य उत्पादन एवं बांझपन निवारण पर 68.24 करोड़, लखनऊ में प्रस्तावित अति हिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र पर 44.74 करोड़ रुपए, प्रस्तावित सैक्स सीमेन तकनीक अनुसंधान पर 8 करोड़ के खर्च का बजट प्रस्तावित है। इसके साथ ही पशुओं के बीमा पर 77.03 करोड़, कुक्कुट, बकरी व भेड़ संबंधी योजनाओं पर 58 करोड़ और प्रक्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण पर 71.01 करोड़ खर्च किए जाएंगे। प्रशासन तथा निदेशन पर 1455.38 करोड़ खर्च का बजट प्रस्ताव रखा गया है।

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