युवा अवस्था में गहरी नींद न लेने वाले लोग पचास की उम्र पार करते ही याददाश्त की कमी तथा अल्जाइमर दिल संबंधी गंभीर रोगों का हो सकते हैं शिकार
बृजेश सिंह
नई दिल्ली, यदि आप तीस साल की उम्र में रात्रि में ठीक से नींद नहीं ले रहे हैं तो पचास साल की उम्र तक आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसके साथ ही मोटापा, मधुमेह, हाइपरटेंशन तथा हाई कोलेस्ट्राल जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। वृद्धावस्था में अल्जाइमर जैसी बीमारी की संभावना बहुत बढ़ जाती है।वरिष्ठ चिकित्सकों का मानना है कि आज के युवा बदली परिस्थितियों तथा लाइफस्टाईल व खानपान के चलते ठीक से नींद नहीं ले पा रहे हैं। शुरु में वे इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देते हैं। आई टी कंपनियों में रात्रि ड्यूटी करने वाले तमाम युवा अनिद्रा का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा रात्रि में मोबाइल लैपटाप प्रयोग करने, शराब के सेवन तथा सिगरेट पीने वालों को भी सही से नींद पूरी न हो पाने की समस्याएं अब आम हैं। जिस तरह से मोबाइल पर इंटरनेट के प्रयोग का चलन बढ़ा है शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवा दिन रात मोबाइल पर लगे रहते हैं इससे यह समस्या अब ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचने लगी है।गुरुग्राम के प्रमुख न्यूरोलाजिस्ट डा.एमवी पद्म श्रीवास्तव के अनुसार युवाओं में स्लीप डिस्आर्डर के चलते मस्तिष्क में एक खास तरह के प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है जो अल्जाइमर जैसी बीमारी का कारण बन जाती है। यह नींद की प्रक्रिया को भी प्रभावित कर देती है। इनके अनुसार तीस व चालीस के दशक में ठीक से नींद पूरी नहीं करने वाले लोगों को पचास की उम्र तक पहुंचने पर याददाश्त प्रभावित होने लगती है।
अनिद्रा से है दिल को भी खतरा
नींद पूरी ना होने का हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। आमतौर पर इस कारण सबसे पहला शिकार हमारा हार्ट बनता है। क्योंकि नींद पूरी ना होने पर शरीर में हर समय थकान बनी रहती है। इस कारण रक्त का प्रवाह बाधित होता है और इसका असर हार्ट की पंपिंग पर पड़ता है।
कितने घंटे की नींद है जरूरीबिस्तर पर जाने के आधे घंटे बाद नींद नहीं आती है तो हो तो सावधान हो जाएं। यह स्लीपिंग डिस्आर्डर की पहली चेतावनी है। युवा अवस्था में स्त्री व पुरुषों के लिए कितने घंटे की नींद लेनी चाहिए इसका कोई फिक्स नियम नहीं है लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि सात से नौ घंटे की नींद एक युवा के लिए पर्याप्त होती है। ध्यान रहे कि विस्तर पर सिर्फ लेटे रहने के समय को इसमें शामिल नहीं किया जाता है। गहरी नींद न आना भी चिंता का विषय है। नींद नहीं आने की समस्या से निपटने के लिए शाम को जल्दी खाना खाने, सोने से तीन घंटे पहले शराब, सिगरेट व काफी आदि का प्रयोग न करें। इस बात पर ध्यान दें कि बिस्तर साफ सुथरा तथा आरामदायक हो, इससे अच्छी नींद आती है।