- रामोत्सव 2024: अयोध्या में श्रद्धालुओं की मदद के लिए ई कार्ट चलाए जाने की बन रही योजना
कॉर्पोरेट हाउसेस के सीएसआर फंड से चलाई जाएंगी ई कार्ट, पहले चरण में उतारी जाएंगी 650 ई कार्ट - अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से की जा रही पहल, श्रद्धालुओं को जल्द मिलेगी सुविधा
राम पथ पर मिलेगी जाम से मुक्ति, श्रद्धालुओं को बाधारहित दर्शन होंगे सुलभ
अथाह संवाददाता
अयोध्या। 22 जनवरी को नव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बड़ी संख्या में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। इसी क्रम में सरकार श्रीरामलला के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को राम मंदिर और हनुमान गढ़ी तक पहुंचाने के ई कार्ट चलाएगी। ये ई कार्ट या गोल्फ कार्ट बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए निशुल्क होंगी। इस महत्वपूर्ण योजना को मूर्त रूप देने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने निजी औद्योगिक घरानों को प्रस्ताव भेजा है। यह प्रयास किया जा रहा है कि निजी औद्योगिक घराने अपने सीएसआर फंड के माध्यम से अयोध्या में इस सेवा के लिए डोनेशन प्रदान करें, ताकि बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को राहत प्रदान की जा सके। वहीं अयोध्या विकास प्राधिकरण का फैसिलिटी मैनेजमेंट पार्टनर कवच ग्लोबल जल्द ही 650 ई कार्ट्स को रोड पर उतारने जा रहा है। –
कम समय में अधिक से अधिक श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु नए मंदिर में श्रीरामलला के दर्शनों के लिए अयोध्या आएंगे। इसमें दिव्यांग, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी शामिल होंगी। जो श्रद्धालु अपने वाहनों से अयोध्या आएंगे उन्हें पार्किंग स्थल पर ही ई कार्ट की सुविधा मिलेगी, जिसके माध्यम से वो हनुमान गढ़ी और श्रीरामलला के दर्शनों के साथ ही धाम में स्थित अन्य धार्मिक स्थलों तक जा सकेंगे। बुजुर्गों, दिव्यांगो और गर्भवती महिलाओं को निशुल्क सेवा उपलब्ध कराने की योजना है। राम मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को यह ई कार्ट जन्मभूमि पथ तक ले जाएगी, यहां से बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं गर्भवती महिलाओं को व्हीलचेयर की सुविधा मिलेगी, जो बिल्कुल निशुल्क है। उन्होंने बताया कि कम समय में अधिक से अधिक श्रद्धालु श्रीरामलला के दर्शन कर सकें, इसके लिए यह व्यवस्था शुरू करने की योजना है। इसके लिए हमने उन कॉर्पोरेट हाउसेस को यहां ई कार्ट या गोल्फ कार्ट सेवा प्रदान करने के लिए कंट्रीब्यूशन हेतु प्रस्ताव भेजा है। ये ऐसे कॉर्पोरेट हाउसेस हैं जो पहले भी अपने सीएसआर फंड के माध्यम से अयोध्या में सेवा कार्य करने को लेकर अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं। इनकी सहमति मिलने के बाद इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा।
पहले चरण में आएंगी 650 ई कार्ट्स
अयोध्या विकास प्राधिकरण के फैसिलिटी मैनेजमेंट पार्टनर कवच ग्लोबल कनेक्ट्स प्रा. लि. भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कवच ग्लोबल के डायरेक्टर तक्ष रावल ने बताया कि हमें टेंडर के माध्यम से अयोध्या विकास प्राधिकरण में विभिन्न लोकेशन मिली हैं। इन लोकेशंस पर हम श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में हमारी योजना है कि श्रद्धालुओं को इन लोकेशंस से 12 सीटर और 18 सीटर ई कार्ट की सुविधा मिले जो उन्हें अयोध्या के विभिन्न धार्मिक स्थलों की सैर कराए। इसमें ओएनजीसी, आईओसी, टाटा प्रोजेक्ट्स जैसी कंपनियों से सर्वाधिक डोनेशन मिला है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हम जनवरी से मार्च तक 650 ई कार्ट्स उतारने जा रहे हैं। एडीए के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने पूरी अयोध्या की कनेक्टिविटी के लिए जो हाइपरलूप मॉडल तैयार किया है, ये प्रोजेक्ट उसी का हिस्सा है। आने वाले दिनों में राम पथ पर 4 व्हीलर्स पर रोक रहेगी, तब ये ई कार्ट ही लोगों को दर्शन कराएंगी। दिव्यांगों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए ये पूरी तरह निशुल्क रहेंगी। इन ई कार्ट्स की ओनरशिप एडीए की रहेगी और ये विभिन्न लोकेशंस से ऑपरेट की जाएंगी।
सीएसआर फंड से की जाएगी व्यवस्था
प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जो प्रस्ताव कॉर्पोरेट हाउसेस को दिया गया है उसमें कई बातों का जिक्र किया गया है। इसमें ई कार्ट या गोल्फ कार्ट के मेंटिनेंस, इसकी निगरानी, पार्किंग, ड्राइवर के चयन और प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता के संबंध में जानकारी दी गई है। यह सेवा निजी कंपनियों के सीएसआर फंड यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी फंड के माध्यम से शुरू की जाएगी। मालूम हो कि कई बड़ी कंपनियां अपने व्यापार के अतिरिक्त समाजसेवा के लिए इस तरह के फंड बनाती हैं। कॉर्पोरेट हाउसेस की ओर से इस पर सहमति मिलने के बाद अयोध्या में इस सेवा को और भी विस्तार दिया जा सकेगा। इस सेवा के शुरू होने से न सिर्फ अयोध्या के धार्मिक स्थलों पर वाहनों के जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ दर्शन कराए जा सकेंगे।