Dainik Athah

बजाज फिनसर्व ने एआईसीटीई से बैंकिंग, वित्त एवं बीमा में सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू करने के लिए मिलाया हाथ

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सराहा



अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली।
भारत की अग्रणी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी बजाज फिनसर्व ने देश के युवाओं को बैंकिंग, वित्त और बीमा के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
साझेदारी के अंतर्गत बजाज फिनसर्व बैंकिंग, वित्त एवं बीमा (सीपीबीएफआई) में अपने सर्टिफिकेट प्रोग्राम के माध्यम से 20,000 उम्मीदवारों की क्षमताओं का निर्माण करने के लिए कौशल पहल को आगे बढ़ाएगा, जो उद्योग विशेषज्ञों, प्रशिक्षण भागीदारों, शैक्षणिक संस्थानों और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य संस्थानों के सहयोग से विकसित 100 घंटे का एक कार्यक्रम है। सीपीबीएफआई वर्तमान में 23 राज्यों, 100 जिलों और 160+ शहरों के 350+ कॉलेजों में संचालित हो रहा है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से टियर 2 और 3 शहरों में स्नातकों तथा एमबीए उम्मीदवारों में कौशल, ज्ञान और प्रवृति बढ़ाना है, जिससे उन्हें रोजगार की तलाश करने और वित्तीय सेवा क्षेत्र में अपने दीर्घकालिक करियर से संबंधित सही निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर एनएसडीसी और एआईसीटीई और बजाज फिनसर्व की ओर से अतुल कुमार तिवारी, सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, प्रो. राजीव कुमार, सदस्य सचिव, एआईसीटीई; वेद मणि तिवारी सीईओ, एनएसडीसी तथा एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल एवं संजीव बजाज अध्यक्ष तथा एमडी बजाज फिनसर्व की उपस्थिति में दो समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।
दोनों साझेदारियां इंडस्ट्री की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम विकसित करने पर केंद्रित हैं, जो वित्त, बैंकिंग एवं बीमा के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य के अनुकूल होंगी और पाठ्यक्रम में नवीनतम उद्योग रुझान, प्रौद्योगिकीय प्रगतियां तथा सर्वोत्तम प्रथाएं भी शामिल होंगी। एनएसडीसी के साथ साझेदारी को स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) पर भी विस्तारित किया जाएगा, जो सरकार की समस्त कौशल एवं उद्यमशीलता पहलों का एक व्यापक सूचना गेटवे है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र न केवल अकादमिक रूप से सुसज्जित हों, बल्कि इन क्षेत्रों की व्यावहारिक वास्तविकताओं में भी कामयाब बनें।
छात्रों के लिए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित बैंकों, वित्तीय संस्थानों और बीमा कंपनियों के साथ साझेदारियां भी की जाएंगी। ये साझेदारियाँ इंटर्नशिप, आॅन-द-जॉब प्रशिक्षण और वास्तविक दुनिया की उद्योग प्रथाओं की प्रत्यक्ष झलक प्रदान करती हैं। यह कक्षा में प्राप्त शिक्षा और उद्योग की मांगों के बीच के अंतर को पाटेगा, जिससे पेशेवर भूमिकाओं में उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। इंडस्ट्री संबंधी ज्ञान प्रदान करने के अलावा इस सहयोग का उद्देश्य डिजाईन किए गए संचार एवं कार्यस्थल कौशल (वर्किंग प्लेस स्किल्स) के माध्यम से उम्मीदवारों के आत्मविश्वास को बढ़ाना भी है। आज तक सीपीबीएफआई ने शुरूआत से टियर 2 और टियर 3 शहरों के 40,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित और लाभान्वित किया है।
इस पहल की प्रशंसा करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने वित्तीय सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के लिए युवा स्नातकों को तैयार करने हेतु बजाज फिनसर्व के साथ एनएसडीसी और एआईसीटीई के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का साक्षी बनने की और बैंकिंग, वित्त एवं बीमा में एक सर्टिफिकेट प्रोग्राम के शुभारंभ पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आज जो यह साझेदारियां बनी है, वह वित्तीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दक्षताओं का निर्माण करेंगी और हमारे युवाओं को वित्तीय तथा डिजिटल क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन में भाग लेने के लिए सशक्त बनाएंगी।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत का विजन, कल लॉन्च किया गया वॉयस आॅफ यूथ कार्यक्रम विकसित भारत के लिए युवाओं के विचारों, विकसित भारत के निर्माण में कौशल विकास और वित्तीय क्षेत्र की भूमिका को उजागर करता है। श्री प्रधान ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे युवा ज्ञान, दक्षता, कौशल और सही प्रवृति द्वारा संचालित विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि हम ज्ञान और दक्षता का एक सुपर हाईवे बना रहे हैं और भारत वैश्विक वित्तीय सेवा बाजार का केंद्र बन सकता है।
इस अवसर पर बजाज फिनसर्व लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने कहा कि एनएसडीसी और शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से हम युवाओं को कौशल प्रदान कर सकेंगे और इसके माध्यम से बदलाव ला सकेंगे, जिससे सफलता के अनंत रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक लचीलापन और कौशल भारत, कुशल भारत की थीम के अनुरूप भविष्य के लिए एक समावेशी श्रमबल का निर्माण भी करेगा।


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