- भाजपा में शुरू हुई बदलाव की प्रक्रिया नीचे तक जायेगी
- 2024 के मद्देनजर किया जा रहा बदलाव, निष्क्रिय होंगे बाहर
- 40 फीसद तक बदलाव नजर आ सकता है कमेटियों में
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी ने देर से ही सही बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बदलाव क्षेत्रीय, मोर्चों एवं जिलों के प्रभारी नियुक्त करने से शुरू हुआ है। इसके बाद अब जल्द ही क्षेत्र से लेकर मंडल स्तर तक बदलाव नजर आने वाला है। भाजपा सूत्रों की मानें तो अगले सप्ताह के अंत तक बदलाव की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी होगी।
बता दें कि पांच राज्यों के चुनाव समाप्त होने के बाद भाजपा नेतृत्व का पूरा ध्यान 2024 के लोकसभा चुनावों की तरफ लगेगा। केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में आमद करें इससे पूर्व ही प्रदेश भाजपा नेतृत्व बदलाव की प्रक्रिया पूर्ण कर लेना चाहता है। यहीं कारण है कि सोमवार को लखनऊ में हुई वोटर चेतना महाभियान बैठक से इसकी शुरूआत कर दी गई और जिला प्रभारियों के साथ ही क्षेत्र एवं मोर्चों के प्रभारी बदल दिये गये। इस बदलाव के संकेत भी स्पष्ट है। जिस प्रकार जिलों के प्रभारी नियुक्त किये गये हैं उसने यह संकेत देने का प्रयास भी किया है कि क्षेत्रीय कमेटी से कौन कौन पदाधिकारी हट सकते हैं। जिन क्षेत्रीय पदाधिकारियों को फिर से पद मिलने वाला है उन्हें जिलों का प्रभार देकर संकेत दे दिया गया है।
इसके साथ ही सोमवार की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया था कि जिम्मेदारी 2024 के चुनावों को देखते हुए दी जायेगी। उन्होंने पदाधिकारियों से भी कहा कि वे बदलाव की प्रक्रिया जल्द पूर्ण कर लें जिससे वोटर चेतना महाभियान में तेजी आ सके। यहीं कारण है कि अब क्षेत्रीय अध्यक्ष भी चाहेंगे कि जल्द से जल्द क्षेत्रीय कमेटी के साथ ही जिला कमेटियों की घोषणा कर दें और साथ ही मंडल अध्यक्षों की घोषणा भी कर दी जाये। इसके लिए जिलाध्यक्षों से नामों की सूची पूर्व में ही मांग ली गई थी।
भाजपा सूत्रों की मानें तो क्षेत्र से लेकर जिला व मंडल अध्यक्षों में करीब 40 से 50 फीसद बदलाव दिख सकता है। कहा तो यह जा रहा है कि निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी कर सक्रिय कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जायेगा। लेकिन यह बदलाव कितना असर डाल सकेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। अब सभी की नजरें मेरठ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के साथ ही क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया पर लगी हुई है। उनके यहां भी दस्तक देने वालों की भीड़ एक बार फिर से बढ़ने लगी है। ठीक यहीं स्थिति जिला व महानगर अध्यक्षों की भी है।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेतृत्व ने यह निर्देश भी दिये हैं कि बदलाव से कोई विवाद उत्पन्न न हो इसका ध्यान रखा जाये, लेकिन जो स्थिति नजर आ रही है उसे देखते हुए बदलाव आसान नजर नहीं आता।