फोन का इंतजार करते ही रह गये माननीय
सुभाषपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की धमकियों से भाजपा भी सकते में
राजभर- दारा सिंह को मंत्री बनाने पर भाजपा में एक राय नहीं
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के केबिनेट विस्तार पर लगता है कि प्रदूषण की तरह से धुंध छा गई है। मंत्रिमंडल विस्तार अब लंबे समय के लिए टल गया लगता है। ऊपर से सुभाषपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की बयानबाजी से भी लगता है कि विस्तार से पहले भाजपा एक बार फिर से गहन विचार विमर्श करेगी। अगली बार जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा होगी तब उन जातियों व समाज को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देने पर विचार हो सकता है जिन्हें अब तक प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
दीपावली से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उत्तर प्रदेश में भाजपा की राजनीति में गर्मी आ गई थी। राजनीतिक गलियारों में उस समय चर्चाओं को अधिक बल मिला जब दिल्ली से लौटकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की थी। उस समय यह भी कहा जा रहा था कि प्रदेश में राजभर और दारा सिंह चौहान का मंत्री बनना तय है, बाकि किसे मंत्री बनाना है और किसे नहीं यह मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर करता है। हालांकि उस समय भी भाजपा के उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही चर्चाओं से अनभिज्ञता जताई थी। इन वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं को निजी बातचीत में सिरे से खारिज कर दिया था।
इसके बाद यह चर्चा भी चली थी कि मुख्यमंत्री अयोध्या में केबिनेट बैठक करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। लेकिन इसके बाद से जैसे चर्चाओं पर विराम लग गया। भाजपा के सूत्रों की मानें तो अब 28 नवंबर से उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में यदि विस्तार को लेकर कोई रणनीति बनी तो उसके ऊपर विधानसभा सत्र के बाद ही अमल होगा।
दूसरी तरफ मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर अपनी आदत के अनुसार ओम प्रकाश राजभर ने फिर से भाजपा नेतृत्व को आंख दिखानी शुरू कर दी है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि इंडिया गठबंधन के कई वरिष्ठ नेता उनके संपर्क में है। वे मंत्रिमंडल विस्तार के बाद निर्णय करेंगे कि उन्हें किसके साथ रहना है। भाजपा नेतृत्व इस प्रकार की बयानबाजी को लेकर खफा है। भाजपा के एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि अभी से राजभर आंखें तरेर रहे हैं और सरकार में शामिल होने के बाद तो वे पहले की तरह भाजपा को ऊंगलियों पर नचाना चाहेंगे। यहीं कारण है कि भाजपा ओम प्रकाश राजभर को लेकर एक बार फिर से गहन मंथन करना चाहेगी।
भाजपा सूत्रों की मानें तो इस समय भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच राज्यों के चुनावों में व्यस्त है, अब इन चुनावों के बाद ही इस मामले में मंथन होगा। हालांकि भाजपा नेतृत्व यह भी चाहता है कि सरकार में जिन जातियों अथवा समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है उन्हें अगले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रतिनिधित्व दिया जाये।