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नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्म स्थल सैफई में उनके सम्मान में एक स्मारक का निर्माण कराया जाएगा: अखिलेश यादव

  • 2027 से पहले बनकर होगा तैयार, 22 को होगा शिलान्यास

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
नेताजी मुलायम सिंह यादव के जन्म स्थल सैफई में उनके सम्मान में एक स्मारक का निर्माण कराया जाएगा। समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में मंगलवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि नेताजी को सैफई से बहुत लगाव था। वे वहां पैदा हुए खेले-कूदे, पढ़े-लिखे, संघर्ष किया और राजनीति में ऊंचाईयों तक पहुंचे। हम लोग सैफई में नेताजी की याद में स्मारक बना रहे है। इसका शिलान्यास नेताजी के जन्मदिन 22 नवम्बर को किया जायेगा। शिलान्यास कार्यक्रम में पार्टी के सभी वरिष्ठ समाजवादी नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि नेताजी का स्मारक जल्द से जल्द 2027 के पहले बनकर तैयार हो जाए। इस अवसर पर स्मारक निर्माण को लेकर एक वीडियो प्रेजेंटेशन भी किया गया। उन्होंने कहा कि नेताजी हम सबको विरासत में बहुत कुछ दिया है। उन्होंने संघर्ष कर समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाया। हम नौजवानों की जिम्मेदारी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की तथा इसे मजबूती देने की है। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने स्मारक निर्माण की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की।

चिर स्मरणीय नेताजी मुलायम सिंह यादव के पुनीत जन्म स्थल ग्राम सैफई जिला इटावा में उनके एक स्मारक के निर्माण की योजना विचाराधीन है। यह स्मारक 8.3 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। स्मारक में सुगमता हेतु 4.5 एकड़ जमीन पर एक भव्य पार्क और जन सुविधाओं के प्रबंधन की योजना है। इस स्मारक की रूपरेखा में लोककला की झलक और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाएगा। स्मारक की बनावट में जमीन से जुड़े हुए भारत के गौरव, महान राजनीतिज्ञ नेताजी की सादगी और गुणवत्ता की भी झलक देखने को मिलेगी। उत्तर प्रदेश की उर्वरा भूमि पर इस स्मारक का स्वरूप समलंबाकार होगा। जिसमें प्रमुखता से जमीन से जुड़े होने का ध्यान रखते हुए दृश्यावली (लैंडस्केप) दर्शनीय होंगे। लैंडस्केप लोकजीवन से जुड़ी भव्य सामग्री से निर्मित एक रंग पट्टिका इस दृश्यावली में होगी और वास्तुकला में जमीन से जुड़े होने का मुख्य आकर्षण होगा।
स्मारक के चारों तरफ एक लंबी दीर्घा का प्रबंध किया गया है जिसमें समाधि स्थल तक पहुंचा जा सकता है। समाधि स्थल भी अनेक दृश्यावलियों की श्रृंखला से दोनों तरफ से सुसज्जित होगा। प्रवेश द्वार से समाधि तक पहुंचने के लिए दृश्यावलियों की श्रृंखला, चौक और प्रांगण होंगे। दोनों तरफ रम्य स्तंभों की योजना है जिससे दर्शकों को एक सुखद शांतिमय वातावरण की अनुभूति हो। इसके पार्श्व में एक दृश्यावली, मध्य में एक स्मृति सभागार होगा, जिसमें नेताजी की एक कांसे की भव्य प्रतिमा होगी। सभागार तक आवागमन के लिए चारों तरफ घास के मैदान होंगे। स्मृति सभागार में दर्शकों को नेताजी को श्रद्धांजलि देने के दौरान मिलने जुलने और परामर्श करने की अनुमति होगी।

स्मृति सभागार की अंतिम सज्जा स्थानीय उपलब्ध पत्थरों से की जाएगी सभागार को एक लोकहित संग्रहालय का आभास कराएगी। इस स्मारक की योजना बहुत शानदार है इसमें गाड़ी पार्किंग करने की पर्याप्त सुविधा होगी, आने जाने की सुविधा होगी जिससे विशेष अवसरों पर पर्यटक को आने जाने की असुविधा न हो। इस स्थल के परिधि में हर जनसुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन सुविधाओं तक पहुंचाने के लिए छायादार समलंबाकार निर्माण होगा और स्मारक से लौटने के लिए भी छायादार रास्ते की व्यवस्थायें होंगी। सैफई के ग्राम निवासियों के लिए यह स्मृति सभागार उन्हें सदैव ऐसी सुविधा प्राप्त करेगा जिससे वह सुख और शांति गौरव का अनुभव कर सके और नेताजी की जिंदगी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दूसरों को दे सके और स्वयं भी सीखें।

इस अवसर पर शिवपाल सिंह यादव, राजेन्द्र चौधरी, बलराम यादव, नरेश उत्तम पटेल एवं अम्बिका चौधरी, राम सागर रावत पूर्व सांसद, रामानंद भारती, विधायक ऊषा मौर्या, रामऔतार सैनी, अताउर्रहमान, जावेद आब्दी जयशंकर पाण्डेय तथा अभिषेक यादव की उपस्थिति विशेषताएं उल्लेखनीय रही।


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