- महिला अपराधों पर योगी सरकार ने कसी नकेल तो मुकदमा दर्ज कराने आगे आ रहीं पीड़ित महिलाएं
- जागरूकता के चलते प्रदेश के कुछ जिलों में महिलाओं के प्रति अपराधों की शिकायतों में हुई वृद्धि
- महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर सीएम योगी का खौफ
- पुलिस की चौकसी और मामलों के निस्तारण में तेजी के चलते प्रदेश में कुल मामलों में दर्ज की गई गिरावट
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। 6 वर्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं एवं बच्चियों से जुड़े अपराधों को कम करने, आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के जो प्रयास किए हैं, उसके चलते न सिर्फ प्रदेश में इन अपराधों में काफी कमी आई है बल्कि हैवानों को सजा दिलाने के लिए पीड़ितों के परिजन भी आगे आ रहे हैं। सीएम योगी के जगाए इस विश्वास के कारण न्याय की आस में बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने खिलाफ होने वाले अपराधों की शिकायत करने में कोताही नहीं बरती। नतीजा ये रहा कि एक तरफ जहां प्रदेश के कुछ जिलों में मामलों में वृद्धि दर्ज की गयी है, वहीं पुलिस की चौकसी और मामलों के निस्तारण में तेजी के चलते प्रदेश भर में कुल मामलों में गिरावट भी दर्ज की गयी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला अपराध दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट, लव जिहाद, धर्म परिवर्तन को लेकर समीक्षा बैठक में हैवानों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इन मामलों के मुकदमों को दर्ज करने में हीलाहवाली करने वालों पुलिसकर्मियों पर सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिये हैं। इस दौरान महिला अपराध को लेकर सख्त कार्रवाई करने वाले टॉप 5 और खराब प्रदर्शन करने वाले बॉटम 5 की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी। यह रिपोर्ट इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह तक की है।
महिला अपराध पर सख्त कार्रवाई और जागरूकता से प्रदेशवासियों में बढ़ा विश्वास
महिला अपराध संबंधी समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया गया कि प्रदेश में जनवरी से अगस्त तक दुष्कर्म के 1869 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 1359 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिये गये हैं जबकि 220 में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी है। वहीं 290 मामलों की विवेचना की जा रही है। योगी सरकार की ओर से बलात्कारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने से लोग आगे आकर मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। इससे भले ही प्रदेश के कुछ जिलों में दुष्कर्म के दर्ज मामलों में वृद्धि हुई हो, लेकिन ओवरआल प्रदेश में रेप के मामलों में कमी दर्ज की गई है। जागरूकता के चलते दुष्कर्म के मुकदमे पिछले आठ माह में फतेहगढ़, सीतापुर, खीरी, कौशांबी और हमीरपुर में ज्यादा दर्ज किए गऐ हैं। वहीं इन मामलों में संलिप्त कुल 2578 अभियुक्तों में से 2325 अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की गयी। वहीं वांछित 253 अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। दुष्कर्म के मामलों में बड़ी कार्रवाई करने वालों में टॉप 5 जिलों में बदायूं, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा और संभल शामिल हैं जबकि प्रयागराज, शाहजहांपुर, बलरामपुर, कौशाम्बी और फतेहपुर का प्रदर्शन काफी खराब है। इसी तरह पॉक्सो एक्ट के 5957 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 4860 में आरोप पत्र दाखिल कर दिये गये हैं जबकि 373 में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी है। वहीं 724 मामले विचाराधीन हैं। सरकार की ओर से पॉक्सो एक्ट में सख्त कार्रवाई और जागरूकता का नतीजा है कि पहले जहां लोग इन मामलों को लोकलाज के चलते दर्ज नहीं कराते थे, वहीं प्रदेश के कुछ जिलों में पॉक्सो एक्ट के मामले दर्ज कराने में वृद्धि हुई है। इन जिलों में तेजी के साथ इन मामलों को निपटाया भी जा रहा है। इन जिलों में अयोध्या, कौशांबी, अंबेडकरनगर, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर और झांसी शामिल हैं। उक्त मामलों में संलिप्त कुल 8699 अभियुक्तों में से 8009 अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की गयी तथा 690 अभियुक्त वांछित हैं। पॉक्सो एक्ट के तहत रामपुर, झांसी, हरदोई, खीरी और सीतापुर ने तेजी से कार्रवाई कर प्रदेश भर में अच्छा प्रदर्शन किया है। उधर, औरेया, कमिश्नरेट प्रयागराज, कानपुर, कन्नौज और बहराइच का प्रदर्शन काफी खराब रहा है।
अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेलने को आगे आ रहा पीड़ित परिवार
प्रदेश में पिछले आठ माह में शीलभंग के 6445 मुकदमे दर्ज किए गये, जिसमें से 4531 मामलों में आरोप पत्र एवं 596 में अंतिम रिपोर्ट लगायी जा चुकी है जबकि 1318 मामलों में विवेचना चल रही है। योगी सरकार के एक्शन और जागरूकता के चलते प्रदेश के कुछ जिलों में शीलभंग के मुकदमों में वृद्धि दर्ज की गयी। इन जिलों में देवरिया, अंबेडकरनगर, मीरजापुर, फतेहगढ़ और कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। इन मामलों में उक्त अभियोगों में संलिप्त कुल 11022 अभियुक्तों में से 9388 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गयी। पुलिस 1634 वांछित अभियुक्तों को धरपकड़ के लिए दबिश दे रही है। वहीं इन मामलों में तेजी से कार्रवाई करने में मुजफ्फनगर, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस और झांसी का प्रदर्शन अच्छा रहा है जबकि कमिश्नरेट प्रयागराज, कमिश्नरेट लखनऊ, हमीरपुर, मऊ और कमिश्नरेट कानुपर का प्रदर्शन काफी खराब रहा। इसी तरह प्रदेश में लव जिहाद और धर्म परिवर्तन के कुल 241 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 176 में आरोप पत्र एवं 16 में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी है जबकि 48 मामलों की विवेचना की जा रही है। उक्त मामलों में संलिप्त कुल 790 आरोपियों में से 742 के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं 48 अभियुक्त वांछित चल रहे हैं। इन मामलों में अच्छा प्रदर्शन करने वालों में इटावा, आजमगढ़, जौनपुर और संभल शामिल हैं जबकि गारेखपुर, कमिश्नरेट प्रयागराज, मुजफ्फनगर, कमिश्नरेट कानपुर और हापुड़ का काफी खराब प्रदर्शन रहा।