भारत को विश्वगुरु के रूप में पहचान दिलाने के लिये सिनेमा भी एक सशक्त माध्यम है
अथाह ब्यूरो देहरादून। ‘हिमवंत फिल्म सोसायटी’ द्वारा देहरादून के नारायण मुनि भवन में प्रेरणा चित्र भारती फिल्मोत्सव का पोस्टर लॉन्च किया गया। इस अवसर पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व भारतीय चित्र साधना के संस्थापक सदस्य अरुण अरोड़ा ने फिल्म फेस्टिवल का विषय रखते हुए कहा कि सिनेमा और संस्कृति परस्पर जुड़े हुए हैं। यह साझी विरासत है जो दो धाराओं को आपस में बांधती है। भारत को विश्वगुरु के रूप में पहचान दिलाने के लिये सिनेमा भी एक सशक्त माध्यम है, क्योंकि भारतीय अस्मिता की झलकियाँ सिनेमा में मिलती हैं और भारतीय सिनेमा भारतीयता की अनूठी पहचान है। प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड के कला एवं मीडिया के छात्रों को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक सशक्त मंच उपलब्ध करवा रहा है। इस दौरान उन्होंने प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव-2023 में शामिल विषयों के बारे में विस्तृत रुप से चर्चा की। प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव मुख्य रूप से आजादी का अमृत महोत्सव, भारतीय लोकतंत्र, जनजातीय समाज, उत्तराखण्ड की संस्कृति, पर्यावरण, ग्राम विकास, स्वाधीनता आन्दोलन, भविष्य का भारत, सामाजिक सद्भाव, धर्म एवं अध्यात्म, महिला सशक्तिरण जैसे विषयों पर आधारित लघु फिल्मों को प्रोत्साहन देने का एक प्रयास है, ताकि भारतीय सिनेमा में भारतीय विचार का प्रचार- प्रसार सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा, फिल्म समाज का दर्पण होती हैं। फिल्म व्यक्ति के तन और मन दोनों को जोड़कर एक संवेदनशील व्यक्ति का निर्माण करने में सहयोगी की भूमिका निभाती है अर्थात भारत की बात भारत के मन तक पहुंचाना ही फिल्म का मुख्य उद्देश्य है।