- उत्तर प्रदेश को विद्युत व्यवस्था के मामले में अग्रणी राज्य बनाने के लिए सीएम योगी ने की पहल
- यूपीपीसीएल की तीन टीमें गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा डिस्कॉम के अध्ययन के लिए रवाना
- इन राज्यों में किए जा रहे अच्छे कार्यों का अध्ययन कर अपनी संस्तुति यूपीपीसीएल को सौंपेंगी टीमें
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। बीते छह वर्षों में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार देखने को मिला है। इस सुधार की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने देश के अग्रणी वितरण निगमों में बेहतर कार्यों का अध्ययन कर उसे प्रदेश में लागू करने का निर्णय किया है। इसके लिए सरकार ने विद्युत विभाग की तीन टीमों को अलग-अलग राज्यों में भेजा है। यह टीमें 23 से 25 अगस्त तक गुजरात, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा डिस्कॉम में किए जा रहे अच्छे कार्यों का अध्ययन कर अपनी संस्तुति उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) को सौपेंगी। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास में निरंतर जुटे हुए हैं। उनकी मंशा प्रदेश को विद्युत व्यवस्था के क्षेत्र में देश का नंबर एक राज्य बनाने की है।
डिस्कॉम की रेटिंग में अग्रणी हैं ये तीनों राज्य
उत्तर प्रदेश पावर कारापोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बताया कि यूपीपीसीएल की वितरण कंपनियों द्वारा मीटरिंग, बिलिंग, कलेक्शन एवं वितरण के कार्यों में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में पावर फाइनेंस कारपोरेशन द्वारा की जा रही डिस्कॉम की रेटिंग में देश के अग्रणी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा के डिस्काम्स में मीटरिंग, बिलिंग, कलेक्शन एवं वितरण इत्यादि से संबंधित कार्यों का अध्ययन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की तीन टीमों का गठन किया गया है। प्रबंध निदेशक (केस्को) सैमुअल पाल के नेतृत्व में 09 सदस्यीय टीम गुजरात गई है। इसी तरह मध्यांचल डिस्काम के निदेशक वाणिज्य योगेश कुमार के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम मध्य प्रदेश गई है। वहीं पूर्वांचल डिस्काम के निदेशक वाणिज्य राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम हरियाणा जाएगी।
बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करेंगी टीमें
यह तीनों टीमें डिस्काम के अंतर्गत मीटरिंग, बिलिंग कलेक्शन एवं वितरण तंत्र के विषय में अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेस का बारीकी से अध्ययन करेंगी। इसमें उपभोक्ताओं की बिलिंग की संपूर्ण व्यवस्था, मीटरिंग, राजस्व संग्रहण किन-किन माध्यमों से और किस प्रकार किया जा रहा है, एनर्जी अकाउंट बनाने की व्यवस्था, फीडर/डीटी एनर्जी आडिट प्रयोग किए जा रहे विभिन्न एप एवं आईटी सिस्टम को समझा जाएगा। यही नहीं, ट्रांसफार्मर्स की क्षतिग्रस्तता एवं उसके मरम्मत किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है, उपभोक्ता की शिकायत अटेंड करने की क्या प्रणाली है, कार्मिकों के संवाद एवं संदेश प्रणाली के लिए क्या सिस्टम है, अच्छे कार्य करने वाले कार्मिकों की प्रोत्साहन योजना किस प्रकार की है और डिस्काम रेटिंग में सुधार लाने तथा संबंधित तकनीकी एवं इनोवेटिव प्रैक्टिसेस जैसी चीजों को देखा जाएगा। भ्रमण के बाद प्रत्येक टीम अपना प्रजेंटेशन एवं आख्या एक सप्ताह में अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करेगी।ं