यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा परिवहन निगम
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड समेत दिव्यांगों के लिए स्मार्ट कार्ड की तैयारी
यात्रियों की सुरक्षा के लिए बस ट्रैकिंग एवं पैनिक बटन फिटमेंट पर भी हो रहा काम
कार्य कुशलता के साथ ही पारदर्शिता लाने के लिए वेब बेस्ड एमआईएस की हुई शुरूआत
ई आॅफिस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 20 लाख से अधिक रिकॉर्ड्स किए गए डिजिटाइज
अथाह ब्यूरो लखनऊ। बस यात्रियों की सुविधा के लिए पहले ही आॅनलाइन टिकटिंग समेत रिजर्वेशन व कैशलेस टिकट बुकिंग जैसी डिजिटल सुविधाएं प्रदान कर रहा यूपी रोडवेज अब और अधिक हाईटेक होने वाला है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेशवासियों की यात्रा को और अधिक सुविधाजनक व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) कई नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसमें भारत सरकार की पहल वन नेशन, वन कार्ड के अलावा दिव्यांगों के लिए स्मार्ट कार्ड, बस ट्रैकिंग एवं पैनिक बटन की फिटमेंट के अलावा ई आॅफिस और वेब बेस्ड एमआईएस जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर न सिर्फ यात्रियों की सुविधाओं में और इजाफा होगा जबकि विभाग के कार्यों में कुशलता के साथ ही पारदर्शिता में भी बढ़ोतरी होगी। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने भी हाल ही में एक कार्यक्रम में परिवहन निगम की सेवाओं को गांव-गांव तक ले जाने की अपील की थी। इसके लिए उन्होंने यात्री सुविधाओं में इजाफा करने के भी निर्देश दिए थे।
एक कार्ड से सभी तरह के ट्रैवल पेमेंट होंगे संभव जो नए प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं, उनमें नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) काफी महत्वपूर्ण है। इसके तहत योगी सरकार, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल वन नेशन, वन कार्ड को प्रदेश में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें बस टिकटों के कैशलेस पेमेंट की व्यवस्था है। यानि सभी तरह के ट्रैवेल पेमेंट्स को एक ही कार्ड के माध्यम से किया जा सकेगा। परिवहन निगम इस पर काम कर रहा है और जल्द ही इसे लागू किए जाने की संभावना है। परिवहन निगम के जीएम आईटी युजवेंद्र सिंह के अनुसार एनसीएमसी के लिए टिकटिंग मशीन के एल3 सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है। नेशनल पेमेंट कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया से एल3 सर्टिफिकेशन मिलने के बाद डिवाइस एनसीएमसी कार्ड के जरिए पेमेंट प्राप्त करने में सक्षम हो जाती है। संभावना है कि 15 से 20 दिन में हम इस माइल्सटोन को हासिल कर लेंगे। इसके बाद कार्ड प्रिंट करके पहले लखनऊ और गाजियाबाद से इसकी शुरूआत होगी और फिर पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इससे यात्रियों को कैश के झंझट से मुक्ति मिलेगी। साथ ही समय-समय पर लुभावनी स्कीम्स का भी लाभ मिलेगा। एनसीएमसी के अंतर्गत दिव्यांगों के लिए अलग से स्मार्ड कार्ड की योजना पर भी कार्य हो रहा है। इसके माध्यम से प्रदेश के 11 लाख दिव्यांग वन टाइम वेरिफिकेशन के बाद मुफ्त में बस यात्रा का लाभ ले सकेंगे। उन्हें बार-बार अपना सर्टिफिकेट दिखाने की आवश्यक्ता नहीं होगी।
सुरक्षा के लिए भी उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदम इसके अतिरिक्त परिवहन निगम द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें बस ट्रैकिंग और पैनिक बटन फिटमेंट योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। इसकी शुरूआत के साथ ही न सिर्फ बस को ट्रैक किया जा सकेगा, बल्कि किसी तरह की असुविधा होने पर यात्री पैनिक बटन का इस्तेमाल कर सकेंगे। पैनिक बटन दबाते ही कंट्रोल रूम में इसकी सूचना पहुंच जाएगी और फिर आवश्यकता के अनुरूप उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी। इस परियोजना की शुरूआत के लिए अभी सर्विस प्रोवाइडर के चयन की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। जो बिड प्राप्त हुई हैं, उनमें मूल्यांकन की कार्यवाही चल रही है। जल्द ही कंपनी का चयन किए जाने की संभावना है। इसके लिए भारत सरकार की निर्भया स्कीम के अंतर्गत मिलने वाली ग्रांट का उपयोग किया जाएगा।
कुशलता और पारदर्शिता लाने का प्रयास परिवहन निगम विभागीय स्तर पर भी कार्यों में कुशलता के साथ ही पारदर्शिता लाने के लिए प्रयासरत है। इसके अंतर्गत वेब आधारित एमआईएस पर काम चल रहा है। इसका उपयोग आंतरिक प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभाग का जितना भी सूचना और डाटा एकत्रित होता है वो डैशबोर्ड पर दिखाई देता है। इसके माध्यम से मैनेजमेंट हर विभागीय गतिविधियों पर नजर कर सकता है, चाहे वो संचालन के आंकड़े हों या वित्तीय आंकड़े हों। वहीं ई आॅफिस की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। इसके तहत अब तक परिवहन निगम के 20 लाख से अधिक रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज किया जा चुका है।