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50 विश्वविद्यालयों में 25 अप्रैल को एक साथ आयोजित होंगे रक्तदान शिविर – प्रमुख सचिव स्वास्थ्य

  • प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की अनूठी पहल
  • रक्तदान का लक्ष्य पाने के लिए युवा वर्ग आगे आये-अमृता सोनी
  • स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त ही सबसे सुरक्षित- डॉ. हीरा लाल
  • बैठक में विशेष रक्तदान शिविर की तैयारियों पर बनी रणनीति

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए राज्य रक्त संचरण परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर और विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इसी क्रम में अब एक अनूठी पहल की गयी है, जिसके तहत 25 अप्रैल को प्रदेश के सभी 50 विश्वविद्यालयों में एक साथ वृहद रक्तदान शिविर आयोजित किए जायेंगे। ह्लरक्तदान मेरा अभिमानह्व थीम पर यह आयोजन किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा डा. सुधीर एम बोबडे ने कहा कि रक्तदान शिविर और जागरूकता कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सभी कुलपति और कुल सचिव को निर्देशित किया जा चुका है। हमारी पूरी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक युवा इस मुहिम में शामिल होकर रक्तदान करें।
इस पहल के बारे में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं अध्यक्ष राज्य रक्त संचरण परिषद पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ाने की नितान्त आवश्यकता है। स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ाकर ही हम प्रदेश में प्रतिस्थानी रक्तदाताओं पर निर्भरता को कम कर सकते हैं। राज्य रक्त संचरण परिषद द्वारा लगातार रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते हैं। इस बार 25 अप्रैल को प्रदेश के 50 विश्वविद्यालयों में एक साथ एक ही दिन स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित कर रहे हैं, जिससे युवा वर्ग को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए एक सकारात्मक संदेश देकर स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित कर सकें।
उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की परियोजना निदेशक और उपाध्यक्ष राज्य रक्त संचरण परिषद अमृता सोनी ने कहा कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत केवल 44 फीसद है जबकि केंद्र सरकार द्वारा 60 फीसद का लक्ष्य तय किया गया है। यह लक्ष्य युवा वर्ग के सहयोग से ही प्राप्त किया जा सकता है।
शिविर की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को राज्य रक्त संचरण परिषद, उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉ. हीरा लाल की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में डॉ. हीरा लाल ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान से प्राप्त रक्त ही सबसे सुरक्षित होता है। उन्होंने अपील की कि बड़ी संख्या में युवा इस मुहिम में भाग लेकर स्वैच्छिक रक्तदान करें और लोगों की जान बचाने का पुण्य कमायें। उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान इसीलिए कहा गया है क्योंकि एक रक्तदान से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा समुदाय में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता लाने में भी सहयोग करें। 25 अप्रैल को आयोजित होने वाले रक्तदान शिविरों का प्रबन्धन स्थानीय रक्त केन्द्रों द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इससे जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के जुड़ने से एक सकारात्मक सन्देश जाएगा और भविष्य में भी वह इस मुहिम को सफल बनाने में सहायक साबित होंगे।
बैठक में राज्य रक्त संचरण परिषद, उत्तर प्रदेश की सदस्य सचिव डॉ. गीता अग्रवाल ने रक्तदान शिविर की तैयारियों के बारे में जरूरी निर्देश दिए। इस मौके पर विश्वविद्यालयों के कुलपति व अन्य प्रतिनिधियों ने अपनी तैयारियों और समस्याओं को साझा किया, जिसके निस्तारण के निर्देश डॉ. हीरा लाल ने दिए। वर्चुवल बैठक में राज्य रक्त संचरण परिषद तथा यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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