अवैध शराब के निर्माण तथा बिक्री के अड्डों पर की जायेगी छापेमारी
प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी की गठित की जायेंगी संयुक्त टीमें
अथाह ब्यूरो लखनऊ। अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि प्रदेश के समस्त नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों के महापौरों, पार्षदों, अध्यक्षों तथा सदस्यों के सामान्य निर्वाचन-2023 हेतु अधिसूचना जारी की जा चुकी है। नगर निगम/ नगर पालिका परिषद तथा नगर पंचायत के सामान्य निर्वाचन-2023 के दृष्टिगत प्रदेश में मदिरा की मांग बढ़ने की सम्भावना तथा चुनाव के शान्तिपूर्ण एवं निष्पक्ष सम्पादन एवं चुनाव के दौरान सुचिता बनाये रखे जाने के उद्देश्य से अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी पर प्रभावी रोकथाम किया जाना आवश्यक है। उक्त के दृष्टिगत 14 अप्रैल से मतगणना तिथि 13 मई (एक माह) तक प्रदेश स्तर पर विशेष प्रवर्तन अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। विशेष प्रवर्तन अभियान के अन्तर्गत राजस्व प्रशासन, पुलिस एवं आबकारी की संयुक्त टीमों का गठन करते हुए अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री के अड्डों पर दबिश तथा तस्करी की सम्भावना वाले क्षेत्रों में रोड चेकिंग कार्यवाही कराई जाए। साथ ही जीएसटी एवं परिवहन विभाग का भी यथावश्यक सहयोग लिया जाए। क्षेत्रीय आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त/चिन्हित माफियाओं के विरूद्ध नियमानुसार दबिश कार्यवाही करते हुए पकड़े गये अभियोगों में आबकारी अधिनियम की धाराओं के साथ-साथ आवश्यकतानुसार आईपीसी की सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जाय। राष्ट्रीय/ राज्य राजमार्गों पर स्थित संदिग्ध ढ़ाबों जहां अल्कोहल के टैंकर प्राय: रूकते हैं की सघन एवं आकस्मिक जांच करायी जाय। अनुज्ञापित परिसर के आस-पास सतर्क दृष्टि रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी दशा में दुकान से बाहर मंदिरा की बिक्री अवैध रूप से कदापि न होने पाये । किराना, फल एवं दुग्ध वाहनों से अवैध मदिरा के परिवहन की शिकायत प्राय:प्राप्त हो रही है। ऐसे संदिग्ध वाहनों की भी सघनता एवं सूक्ष्मता से चेकिंग कराई जाय। रेड्डी ने कहा जिलों के असेवित क्षेत्रों तथा ऐसे स्थानों जहां पर मदिरा की दुकाने अव्यवस्थित हैं, वहां पर अवैध कारोबार की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए सतर्क निगरानी रखी जाय। मिथाइल अल्कोहल के नियंत्रण के लिये आयुक्तालय द्वारा पूर्व में निर्गत आदेशों का कड़ाई से शत-प्रतिशत् अनुपालन सुनिश्चित करें जिससे किसी प्रकार की अप्रिय एवं दुखद घटनाओं से बचा जा सके। अवैध मदिरा के निर्माण एवं बिक्री के कई प्रकरण बन्द पड़ी फैक्ट्रियों में पकड़े गये हैं। अतएव क्षेत्र में स्थित ऐसी बन्द पड़ी फैक्ट्रियों को चिन्हित कर उन पर सतत् सतर्क दृष्टि रखी जाय। जिन क्षेत्रों में आसवनियाँ स्थित हैं, उन स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जायें ताकि उनसे अल्कोहल चोरी की सम्भावना न हो। अल्कोहलयुक्त औषधियों एवं टिंचर का शराब के रूप में दुरूपयोग को रोकने के लिए ड्रग विभाग के सहयोग से ऐसी दुकानों का निरीक्षण कर नमूने आहरित किये जायें और जांच में सब-स्टैण्डर्ड पाये जाने पर उनका अनुज्ञापन निरस्त करने की कार्यवाही ड्रग विभाग से करायी जाय। आबकारी दुकानों एवं थोक अनुज्ञापनों का निरीक्षण चेक लिस्ट के अनुसार करके यह सुनिश्चित किया जाये कि वहां से अवैध मदिरा की बिक्री तो नहीं की जा रही है। दुकान पर स्थित स्टाक के बार कोड व क्यू.आर. कोड की सतर्कतापूर्वक जांच की जाय। एफ.एल.-16/17 एवं एफ.एल.-39, 40 व 41 अनुज्ञापनों का भी स्थलीय निरीक्षण करते हुये इनका नमूना आहरित कर जांच करायी जाय। प्रदेश में संचालित मदिरा की आबकारी दुकानों पर गोपनीय रूप से टेस्ट परचेजिंग कराते हुए निर्धारित प्रिन्ट रेट पर ही मदिरा की बिक्री सुनिश्चित की जाय। अवैध अड्डों से बिकने वाली शराब के जीवन के लिये घातक होने के सन्दर्भ में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय। समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर हैण्डबिल/पोस्टरों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से भी अवैध अड्डों से शराब न पीने तथा मिथाइल अल्कोहल के घातक विष होने, इसके उपयोग से व्यक्ति अन्धा होने तथा उसकी मृत्यु भी होने सम्बन्धी चेतावनी जन सामान्य तक पहुंचाई जाय । अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री, तस्करी कर लाई गई शराब का भण्डारण अथवा शराब से जुड़ी अन्य किसी प्रकार की सूचना है तो वह तत्काल प्रयागराज स्थित आबकारी मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम पर स्थापित टोल फ्री नम्बर 4405 के साथ-साथ व्हाट्सऐप नं0 9454466019 पर भी सूचना दे सकते हैं। जिले स्तर पर गठित टीमों द्वारा उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जायेगी. इसके अतिरिक्त जोन स्तर पर संयुक्त आबकारी आयुक्त, जोन्स तथा प्रभार स्तर पर उप आबकारी आयुक्त, प्रभार इस प्रवर्तन अभियान का नेतृत्व/निर्देशन करेगें तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि अवैध स्रोतों को शत-प्रतिशत समूल नष्ट किया जाय। प्रवर्तन इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से प्रभार के समस्त संदिग्ध ग्रामों /अड्डों पर प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की जायेगी।