Dainik Athah

अन्तर्मना भक्ताबर व्रत पारणा महोत्सव सादगीपूर्ण सम्पन्न

आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज के पारणा महोत्सव हुआ आयोजन

51 वें दिन तपस्या की पूर्ण, भाव विभोर हुए भक्तगण

अथाह संवाददाता
गंग नहर कांवड़ मार्ग (मुरादनगर)।
पिछले 50 दिनों से अन्न जल त्याग कर साधना में लीन आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज का अंतर्मना भक्तावर व्रत का पारणा महोत्सव सोमवार को विधि विधान से एवं सादगी के साथ पूर्ण हो गया।

फोटो: मुकेश कर्दम

सौरभ सागर सेवा संस्थान के अंतर्गत मुरादनगर गंग नहर कॉवड़ मार्ग पर स्थित जीवन आशा अस्पताल के प्रागंण में स्थित मंशापूर्ण महावीर जिनालय में भारत गौरव साधना महोदधि अंर्तमना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर महाराज का ससंघ चातुर्मास हो रहा है। संघ में मुनि पीयूष सागर जी, एलक पर्वसागर जी एवं ब्रहचारिणी गीता दीदी विराजमान है। आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज 28 जून 2020 से उपवास में थे एवं छह जुलाई से लगातार मौनव्रत का पालन कर रहे थे। सोमवार 17 जुलाई को आचार्य श्री ने 50 दिन के बाद उपवास पूर्ण किया, जिसको महापारणा पर्व कहा जाता है। 41 दिन का मौनव्रत भी उन्होंने पूर्ण किया।

व्रत के दौरान इंद्रियों पर काबू पाया जाता है: मुनि पीयूष सागर जी
मुनि पीयूष सागर जी ने बताया कि सभी धर्मों में व्रत उपवास की महिमा को बतलाया गया है। जैन दर्शन में व्रत उपवास की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा जहां व्रत के दौरान अपनी इन्द्रियों (स्पर्शक रसना, घ्राण, चक्षु, कर्ण) पर विजय प्राप्त करना है वहीं अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्नसागर जी महाराज लगातार 50 दिवसीय उपवास कर जहां अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने की घोषणा कर रहे है, वहीं अन्तर्मना की सोच है कि इस कोरोना महामारी के समय मेरे उपवास व्रत प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में प्रसन्नता को ला सके अर्थात मेरे हिस्से का भोजना व पानी दूसरे व्यक्ति को प्राप्त हो सके। संसार में कोई व्यक्ति भूखा-प्यासा न रहे।

जो अपना भला सोचे वह दुर्योधन, जो सबका भला सोचे वह नारायण श्री कृष्ण
आज विषम स्थित में व्यक्ति परिवार में बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में चिंतित नहीं है बल्कि कल का राशन-पानी कैसे आयेगा इसमें चिंतत है। ऐसी स्थिति में हर आदमी मदद करना चाहता है परन्तु कोरोना के कारण अर्थिक गतिविधियॉ प्रभावित हो गई है यदि हर व्यक्ति थोड़ा सा भी त्याग करें तो हमारे ही दूसरे भाई बन्धुओं को भोजन पानी उपलब्ध हो सकता है। जो अपना भला सोचे वो दुर्योधन है, जो अपनों का भला सौचे वह युधिष्टर है, जो सबका भला सौचे वह नारायण श्री कृष्ण परमात्मा है।

फोटो: मुकेश कर्दम

सभी के कल्याण के लिए है अन्तर्मना की व्रत साधना
उन्होंने कहा कि अन्तर्मना की व्रत आराधना साधना सभी के कल्याण के लिए है इसी सोच के कारण ऐसी आत्मा परमात्मा बन सकती है। आओ अपने जीवन में हम संकल्प करें पारणा महोत्सव पर हम अपनी सोच, अपनी वाणी और व्यवहार को सकारात्मक व विनम्र रखेगें।

इनकी रही मुख्य रूप से उपस्थिति
इस पारणा महोत्सव पर मुख्य रूप से सौरभ सागर सेवा संस्थान के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, संरक्षक अशोक जैन-सी.ए., सुंदर लाल जैन, श्री मनोज जैन-सी.ए., अजय जैन, संजय जैन, पंकज जैन, भाजपा से एमएलसी स्रातक के उम्मीदवार दिनेश गोयल, वीके जैन, प्रदीप जैन नेहरूनगर, आशीष जैन गुलमोहर, विनय जैन, प्रदीप जैन मुजफ्फरनगर, नितिन जैन, अरुण जैन दिल्ली, नवीन जैन इंदौर, रमेश चंद जैन, प्रदीप जैन दिल्ली वाले समेत अन्य लोगों के साथ ही जीवन आशा अस्पताल का समस्त स्टाफ, मंदिर का स्टाफ एवं अन्य लोग उपस्थित थे। पूरा कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए समारोह का समापन किया गया। इस दौरान आने- जाने वालों के हाथ सैनेटाइज करवाये जा रहे थे एवं साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी थी।

अब तक पांच सौ लोगों को आधुनिक कृत्रिम अंग नि:शुल्क लगा चुका है जीवन आशा अस्पताल
सौरभ सागर सेवा संस्थान ट्रस्ट द्वारा संचालित जीवन आशा अस्पताल जहां पर दिव्यांगों को नि: शुल्क आधुनिक कृत्रिम अंग प्रदान किये जाते हंै। साथ ही अन्य ईलाज की भी नि: शुल्क सुविधा उपलब्ध है। विगत एक वर्ष में संस्थान द्वारा पांच सौ आधुनिक कृत्रिम अंग व छह हजार ओपीडी रोगियों का ईलाज किया जा चुका है। अस्पताल में एक्स-रे, पैथोलोजी, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी, ओपीडी का कार्य भी किया जा रहा है। यहां पर ईलाज के लिए आने वाले दिव्यांगों को नि: शुल्क खाने और रहने की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *