जन प्रतिनिधियों की रार- पत्रों को लेकर
भाजपा प्रदेश मंत्री एवं महानगर प्रभारी जन प्रतिनिधियों से ले रहे हैं पूरी घटना की जानकारी
पूरे विवाद को समाप्त करने में जुटे रहे प्रदेश मंत्री
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। चाय और पकौड़ी की दावत पर चर्चा भारतीय जनता पार्टी के जन प्रतिनिधियों के गले की फांस बन गया है। इस दावत के दौरान पास प्रस्ताव एवं इसके बाद पत्रों के माध्यम से शुरू हुई उठापटक से नाराज प्रदेश नेतृत्व ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश मंत्री एवं भाजपा महानगर प्रभारी अमित वाल्मीकि से रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही नेतृत्व के निर्देश पर पूरे विवाद को समाप्त करने के प्रयास शुरू हो गये हैं।
बता दें कि एमएलसी दिनेश गोयल के कार्यालय में हुई दावत में एक प्रस्ताव तैयार किया गया था। प्रस्ताव यह था कि कार्यकर्ताओं के सम्मान को देखते हुए कोई भी जन प्रतिनिधि के परिवार का सदस्य अथवा प्रतिनिधि कार्यकर्ताओं से निकाय चुनाव का आवेदन नहीं लेगा। इस प्रस्ताव पर राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, एमएलसी दिनेश गोयल, विधायक सुनील शर्मा, अतुल गर्ग, अजीत पाल त्यागी एवं नंद किशोर गुर्जर ने हस्ताक्षर किये थे। लेकिन अगले दिन विवाद तब बढ़ गया जब खंडन जारी कर एमएलसी दिनेश गोयल ने कहा कि वे प्रस्ताव पर हस्ताक्षर से इनकार नहीं कर सकें, क्योंकि सभी लोग उनके कार्यालय में बैठे थे। साथ ही विवाद तब बढ़ा जब उन्होंने इसमें सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को शामिल करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव जनरल साहब को टारगेट करने के लिए था। इतना ही नहीं उन्होंने टारगेट करने का आरोप भी अग्रवाल पर लगा दिया।
बात यहीं समाप्त नहीं होती उन्होंने अगले पत्र में अनिल अग्रवाल पर फोन पर अभद्रता करने एवं पुराने आरोप जनरल वीके सिंह को टारगेट का फिर लगा दिया। पूरा मामला मीडिया की सुर्खियां बन गया तब भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रदेश मंत्री एवं महानगर प्रभारी अमित वाल्मीकि से रिपोर्ट तलब करने के साथ ही पूरे विवाद को शांत करने के निर्देश भी दिये।
एक- एक कर महानगर कार्यालय पहुंचे विधायक- सांसद
इसके बाद ही अमित वाल्मीकि ने मंगलवार को प्रयास शुरू किये। उन्होंने सबसे पहले एमएलसी दिनेश गोयल को महानगर कार्यालय बुलाया। इसके साथ ही पूरे प्रकरण की जानकारी ली। इसके बाद विधायक अजीत पाल त्यागी, अतुल गर्ग एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह से एक एक कर एकांत में बात की। पता चला है कि अनिल अग्रवाल एवं विधायक नंद किशोर गुर्जर से देर शाम तक बात नहीं हुई थी। जबकि विधायक सुनील शर्मा के लखनऊ में होने के कारण उनसे फोन पर पूरी बात की गई। सभी से यह जाना गया कि पूरा प्रकरण क्या था। इनके साथ ही महानगर भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा से भी बात की गई।
सूत्रों की मानें तो अमित वाल्मीकि ने एकांत में वार्ता के दौरान सभी से कहा कि इस मामले को अब तूल न दें तथा किसी प्रकार की बयानबाजी से परहेज करें। इसको लेकर सभी ने सहमति जताई। इसके साथ ही अधिकांश का कहना था कि उन्होंने जो लोग मौजूद थे उनके संबंध में बात की। जनरल वीके सिंह का मुद्दा ही नहीं आया। न ही संजीव शर्मा की महापौर दावेदारी पर कोई चर्चा हुई। सूत्र बताते हैं कि संगठन के प्रयास से अब पूरे मामले पर मिट्टी डालने का प्रयास है।
सभी जन प्रतिनिधियों से बात हुई है। सभी एकजुट है और किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। संगठन ही सर्वोपरि है। संगठन से बड़ा कोई नहीं है। जो संगठन तय करेगा उसे सभी को मानना होगा।
अमित वाल्मीकि, प्रदेश मंत्री एवं महानगर भाजपा प्रभारी