Dainik Athah

‘खम’ टोटका मदन भैया के लिए रहा मुफीद ‘लग’ नहीं रहा लक्की

खतौली से गाजियाबाद जिले को मिला एक ओर विधायक

लोनी में भाजपा- रालोद में अब बढ़ेगी प्रतिद्वंदिता

पांचवी बार विधानसभा पहुंचने में सफल रहे मदन भैया

अशोक ओझा
गाजियाबाद/ मुजफ्फरनगर।
गाजियाबाद जिले को अब सातवां विधायक मुजफ्फरनगर जिले के खतौली से मदन भैया के रूप में मिल गया। वे पांचवी बार विधायक चुने गये हैं। इस जीत में ‘खम’ का टोटका सभी पर भारी पड़ा है। हालांकि ‘लग’ उनके लिए लक्की नहीं रहा। मदन भैया की जीत से लोनी में भाजपा- रालोद के बीच आने वाले समय में प्रतिद्वंदिता और बढ़ेगी।
मदन भैया अब से पहले चार खेकड़ा सीट से विधायक चुने जा चुके हैं। खेकड़ा मेरठ जिले का हिस्सा था जो वर्तमान में बागपत जिले में है। खेकड़ा क्षेत्र में डेढ़ दशक पहले तक गाजियाबाद का पूरा ट्रांस हिंडन क्षेत्र एवं खोड़ा कालोनी भी शामिल थे। खेकड़ा सीट एक चुनाव में भाजपा के रूप चौधरी ने मदन भैया को हराने में सफलता प्राप्त की थी। हालांकि इसके बाद मदन भैया ने फिर से जीत हासिल कर ली थी। नये परिसीमन में अब तक तीन चुनाव हुए हैं। इसमें एक बार 2012 बसपा के जाकिर अली ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2017 एवं 2019 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर नंद किशोर गुर्जर ने जीत हासिल की थी।


खतौली उप चुनाव में रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने मदन भैया पर भरोसा किया और उन्हें मैदान में उतार दिया। जयंत चौधरी की रणनीति सफल रही और मदन भैया ने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को 22 हजार 165 मतों से हराकर यह सीट भाजपा से छीनकर रालोद- सपा गठबंधन की झोली में डाल दी। यह स्थिति तब थी जबकि भाजपा संगठन एवं सरकार ने यहां पर पूरी ताकत झोंक रखी थी।
बाक्स

‘खम’ का टोटका रहा भारी ‘लग’ रहा अनलक्की

मदन भैया अंतिम चुनाव खेकड़ा से जीते थे और यह चुनाव खतौली से जीते हैं। दोनों ही सीटों के नाम ख से शुरू होते हैं। इसी प्रकार खेकड़ा उस समय मेरठ जिले का हिस्सा था, वहीं खतौली सीट मुजफ्फरनगर जिले का हिस्सा है। इसका सीधा अर्थ यह है कि ख और म अर्थात ‘खम’ मदन भैया के लिए मुफीद रहा है। जबकि गाजियाबाद जिले का लोनी ‘लग’ उनके लिए लक्की नहीं रहा। अब तो रालोद समर्थक भी कहने लगे हैं खम ठोंक दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *