बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के बेटी तथा महिला की सुरक्षा के तमाम इंतजाम के बाद भी मनचलों का कहर जारी है। अमेरिका में पढ़ रही बुलंदशहर निवासी होनहार छात्रा मनचलों के कहर का शिकार हो गई। छेड़छाड़ से बचने के लिए बाइक से गिरी छात्रा की मौत हो गई। पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अज्ञात बाइकर्स के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर ली गई है।
अमेरिका में कोरोना के भयंकर संक्रमण के कारण घर लौटीं सुदीक्षा अपने रिश्तेदार के घर जा रही थीं। वह चाचा के साथ बाइक पर बैठी थीं। इस दौरान रास्ते में बुलेट सवार कुछ शोहदों ने छेडख़ानी शुरू कर दी। मनचलों की छेड़छाड़ से बचने के प्रयास में सुदीक्षा अपने चाचा की बाइक से नीचे गिर गई। जिससे उसके सिर पर काफी चोट आई और उसकी मौत हो गई।
सुदीक्षा भाटी के परिवार के लोगों का आरोप है कि जब वह बाइक से औरंगाबाद जा रहे थे, तब उनकी बाइक का बुलेट सवार दो युवकों ने पीछा किया। कभी युवक अपनी बुलेट को आगे निकालते तो कभी छात्रा पर जोर के कमेंट पास करते ,छेड़छाड़ करते।
इतना ही नहीं, यह सिरफिरे चलते-चलते स्टंट भी कर रहे थे। इसी स्टंट दौरान अचानक बुलेट सवार युवकों ने अपनी बाइक का ब्रेक लगा दिया और जिस बाइक पर सुदीक्षा जा रही थी, उसकी बुलेट की टक्कर हो गई। इसके कारण बाइक गिर गई और सुदीक्षा घायल हो गईं। सुदीक्षा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इस मामले में बुलंदशहर पुलिस का कहना है कि प्रत्यदर्शी या मृतक छात्रा के साथ रहे लोगों ने छेड़छाड़ की घटना की कोई तत्काल सूचना नहीं दी थी। इसके साथ ही पुलिस का यह भी कहना है कि बाइक को मृतक छात्रा का भाई चला रहा था, उनके चाचा उस वक्त बाइक पर नहीं थे।
पुलिस का कहना है कि मृतक पक्ष ने सोमवार को एक तहरीर दे दी थी, लेकिन उसको वापस ले लिया गया। अभी तक तहरीर नहीं दी गई है इसलिए मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
बुलन्दशहर में अपने चाचा के साथ बाईक पर जा रही होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी को मनचलों की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी, जो अति-दुःखद, अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय। बेटियाँ आखिर कैसे आगे बढ़ेंगी?
यूपी सरकार तुरन्त छेड़छाड़ के दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, बीएसपी की यह पुरजोर माँग है।
सुदीक्षा को 20 अगस्त को अमेरिका वापस जाना था। लेकिन किसी को क्या पता था कि कुछ शोहदों की करतूत की वजह से उसकी मौत हो जाएगी और फिर वह कभी अमेरिका नहीं जा पाएगी।
गौतमबुद्ध नगर के दादरी तहसील की रहने वाली सुदीक्षा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सुदीक्षा के पिता छोटा ढाबा चलाते हैं और मां एक गृहिणी हैं। सुदीक्षा अपने छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।
घर में आर्थिक स्थिति खराब होने पर उसके पिता ने स्कूल से निकल लिया था। छोटे से खेत में फसल उगाकर परिवार पालने वाले सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने 2004 में व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन उनको 2009 में काफी नुकसान का सामना करना पड़ा।
इसके बाद जमीन बेचकर चाय की दुकान शुरू की। इसके बाद सुदीक्षा को गांव के बेसिक स्कूल में प्रवेश मिला। इस दौरान उसने मन लगाकर पढ़ाई की। सुदीक्षा ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से कक्षा पांच तक पढ़ाई की। इसके बाद प्रवेश परीक्षा के जरिये सुदीक्षा का एडमिशन एचसीएल के मालिक शिव नदार के सिकंदराबाद के स्कूल में हुआ था।
सुदीक्षा ने कक्षा 12 में बुलंदशहर टॉप किया और इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उनका चयन अमेरिका के एक कॉलेज में हुआ। पढ़ाई के लिए सुदीक्षा को एचसीएल की तरफ से 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप भी दी गयी थी।
परिजन के मुताबिक कोरोना की वजह से सुदीक्षा अमेरिका से स्वदेश लौटी थी। पढ़ाई में होनहार सुदीक्षा भाटी ने दो वर्ष पहले ही इंटरमीडिएट की परीक्षा में बुलंदशहर जनपद टॉप किया था। सुदीक्षा भाटी ने 2018 में इंटरमीडिएट में बुलंदशहर जनपद को टॉप किया था।
उसको एससीएल की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलने के बाद सुदीक्षा भाटी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में पढ़ रही थी। एक शानदार करियर उनके सामने था, लेकिन मनचलों की छेड़छाड़ ने एक प्रतिभा देश से छीन ली।