Dainik Athah

विधान परिषद चुनाव में क्षेत्रीय संगठन को गुजरना होगा अग्नि परीक्षा के दौर से

विधानसभा चुनावों के बाद संगठन की फिर होगी परीक्षा

क्षेत्रीय अध्यक्ष को फिर करना होगा खुद को साबित, आराम के मूड में चल रहे विधायकों की करनी होगी मनुहार

जिला- महानगर संगठनों को पार्टी स्थापना दिवस के साथ ही विप चुनाव एवं मंत्रियों के स्वागत में जुटना होगा

अथाह संवाददाता
मेरठ/ गाजियाबाद।
विधान सभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब एक चुनाव और संगठन के सिर पर आ चुका है। वह है विधान परिषद चुनाव। इस चुनाव में जिलों के संगठन के साथ ही क्षेत्रीय संगठन की जिम्मेदारी बड़ी होगी। इसका सीधा कारण यह है कि मेरठ- गाजियाबाद क्षेत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार जिले हापुड़ एवं बागपत भी शामिल है। इस चुनाव का सीधा गणित है कि जिसके पास प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य एवं स्थानीय निकाय अर्थात नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में अधिक सदस्य होंगे वहीं विजयी होगा।

भाजपा वर्तमान समय में सबसे मजबूत नजर आ रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि चारों जिलों में अधिकांश ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत, नगर पालिकाओं के साथ ही नगर निगमों पर भाजपा बहुमत में है। लेकिन ग्राम प्रधान, बीडीसी एवं नगर पंचायतों पर भाजपा की पकड़ उतनी मजबूत नहीं है। इस स्थिति में भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी होगी। विधान परिषद चुनाव के मामले में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने रविवार को वर्चुअल बैठक में सभी जिला व महानगर अध्यक्षों को चुनाव में जुट जाने के निर्देश दिये हैं। यदि सूत्रों की मानें तो विधायकों से तालमेल बैठाने की जिम्मेदारी पार्टी ने जिला प्रभारियों को दिये हैं। जिला प्रभारी ही संगठन, विधायक एवं प्रत्याशी के बीच तालमेल बैठाना होगा। सूत्रों की मानें तो चुनाव में क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश पदाधिकारी भी लगाये जायेंगे। मेरठ से अश्वनी त्यागी भी एमएलसी है। उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ेगी।

इस समय बागपत व मेरठ को छोड़ दें तो गाजियाबाद- हापुड़ में सभी विधानसभा सीटें भाजपा के खाते में गई। लेकिन इन जिलों की मंत्रिमंडल गठन में उपेक्षा की गई। इन जिलों के विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। जिसके बाद विधायक चुनाव में कितनी भागीदारी निभायेंगे यह भी समय ही बतायेगा।

जिला- महानगर संगठनों को चुनाव के साथ ही अन्य कार्यक्रम भी करने होंगे
वर्चुअल बैठक में प्रदेश संगठन महामंत्री ने जहां विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी को विजयी बनाने के निर्देश दिये, वहीं उन्होंने छह से 14 अप्रैल तक भाजपा स्थापना दिवस के कार्यक्रम भी अध्यक्षों को थमा दिये। जिसमें प्रति दिन कोई न कोई कार्यक्रम करना होगा।

मंत्रियों के स्वागत की अलग से जिम्मेदारी
इसके साथ ही प्रदेश में सरकार गठन के बाद मंत्रियों की अपने गृह जिलों में वापसी भी बुधवार से शुरू हो जायेगी। मंत्रियों के स्वागत के कार्यक्रम भी संगठन को अलग से करने होंगे। जानकारी के अनुसार गाजियाबाद जिले के नरेंद्र कश्यप बुधवार को गाजियाबाद आ रहे हैं। इस कारण उनका स्वागत भी संगठन को करना होगा। उधर कपिल देव अग्रवाल भी गाजियाबाद आने के बाद इसी दिन मुजफ्फरनगर जायेंगे। उनका सुबह छह बजे रेलवे स्टेशन पर स्वागत के साथ ही उनकी विदाई तक कार्यकर्ता लोनिवि अतिथिगृह पर रहेंगे।

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