मंत्री पद को तोहफे से कश्यप समाज को साधने की कोशिश
गाजियाबाद के पांचों विधायकों पर भारी पड़े पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप
भाजपा ने कयासबाजी पर विराम लगाकर लिखा नया इतिहास
प्रदीप वर्मा
गाजियाबाद। योगी सरकार 2.0 में बेशक गाजियाबाद के किसी विधायक को जगह न मिल पाई हो, लेकिन पूर्व राज्यसभा सांसद एवं भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने मंत्रिमंडल में अपनी जगह बना कर गाजियाबाद का गौरव कायम रखा है। अगर यह कहा जाए कि पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप अपनी कर्मठ छवि के कारण पांचों विधायकों पर भारी पड़े हैं तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
संजय नगर सेक्टर 23 में रहने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद एवं भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को स्वतंत्र प्रभार मिलने से न केवल उनका कद बड़ा है। बल्कि सरकार में जगह न मिलने से पांचों नव-निर्वाचित विधायकों को झटका लगा है। शहर विधायक एवं पूर्व मंत्री अतुल गर्ग के पर कतर दिए गए हैं। इसके अलावा रिकॉर्ड मतों से जीतने के बावजूद साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा को कोई तवज्जों नहीं मिली है।
दो दिन पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि विधायक नंदकिशोर, अजीत पाल त्यागी व डॉ. मंजू सिवाच को मंत्री पद मिलने की आस थी। लेकिन योगी सरकार 2.0 के गठन में सबसे ज्यादा झटका शहर विधायक अतुल गर्ग और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा को लगा है। आपको बता दें कि योगी के पहले कार्यकाल में अतुल गर्ग टीम इलेवन में शामिल थे। लेकिन नए मंत्रिमंडल में नरेंद्र कश्यप को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाकर सबको चौंका दिया है। नरेंद्र कश्यप के नाम की चर्चा दूर-दूर तक नहीं थी।
नरेंद्र कश्यप बसपा कोटे से 2010-16 तक राज्यसभा सदस्य रहे थे। बाद में वह बसपा से निष्काषित होने के बाद भाजपा में शामिल हुए और फिलहाल भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे थे। पिछड़े वर्ग खासकर कश्यप समाज की राजनीति से जुड़े नरेंद्र कश्यप को मंत्री पद का तोहफा देकर भाजपा ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पिछड़े समाज को साधने की कोशिश की है। लेकिन फिलहाल उनके मंत्री बनने से गाजियाबाद में उल्लास का माहौल है।