वसुंधरा जोन की सफाई व्यवस्था वाहनों के साथ ठेके पर दी गई थी
नगर निगम की सभी सफाई संगठन हुए एकजुट, आंदोलन की चेतावनी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। वसुंधरा जोन की सफाई व्यवस्था को वाहनों सहित ठेके पर देने के विरोध में गुरुवार को नगर निगम की सभी सफाई कर्मचारी यूनियन एकजुट हो गई। कर्मचारी संगठनों ने भाजपा पार्षद एवं भाजपा अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय महामंत्री प्रदीप चौहान के नेतृत्व में महापौर आशा शर्मा से मुलाकात की।
भाजपा पार्षद प्रदीप चौहान ने महापौर को बताया कि नगर निगम अधिकारियों ने नगर निगम बोर्ड बैठक में बिना प्रस्ताव पास कराए ही वसुंधरा जोन की सफाई व्यवस्था को वाहनों के साथ ठेके पर दे दिया है जिसको लेकर सफाई कर्मचारी यूनियनों में आक्रोश है और वह आंदोलन के मूड में है ऐसी स्थिति में पूरे शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए अवैध रूप से लागू किए गए आदेश को निरस्त किया जाए जिस पर महापौर ने सफाई कर्मचारी यूनियनों को आश्वस्त किया कि जब तक इस मामले में नगर निगम बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पारित नहीं हो जाता तब तक वसुंधरा जोन की सफाई व्यवस्था पूर्व की भांति चलती रहेगी महापौर के आश्वासन के बाद सफाई कर्मचारी शांत हुए।]
भाजपा पार्षद प्रदीप चौहान ने बताया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा 1 मार्च 2022 से वसुन्धरा जोन की सफाई व्यवस्था का कार्य पूर्ण रूप से मय वाहनों सहित ठेकेदार को दिया गया है। सफाई जैसा महत्वपूर्ण कार्य पूर्व में भी नगर निगम गाजियाबाद प्रशासन द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कराया था। उस समय महानगर की सफाई व्यवस्था पूर्णरूप से चरमरा गयी थी। फिर वापस नगर निगम प्रशासन द्वारा सफाई का कार्य ए-टू-जैड कम्पनी से ले लिया गया।
कोरोना योद्धाओं द्वारा कोविड-19 काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर महानगर की सफाई व्यवस्था को उत्तम प्रकार से किया गया। जिस कारण हमारा नगर निगम पूरे प्रदेश में स्वच्छता रैंकिंग में नम्बर-1 पर आया था। पूर्व में सीवर सफाई का कार्य प्राइवेट कम्पनी को आवंटित किया गया है, परन्तु इस कम्पनी द्वारा महानगर की सीवर सफाई व्यवस्था का कार्य ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा। आये दिन सीवर की शिकायतें जन-मानस द्वारा प्राप्त होती रहती है। ऐसी स्थिति में ठेकेदार के माध्यम से सफाई कार्य कराया जाना उचित नहीं है। साथ ही वर्तमान में शहरी आजीविका केन्द्र के माध्यम से जो कर्मी आपूर्ति किये जा रहे है, वह भी कर्मियों का शोषण कर रहीं है।
प्रदीप चौहान ने आरोप लगाया कि सीएलसी कम्पनी द्वारा श्रमिकों का वेतन समय से नहीं दिया जा रहा। साथ ही श्रमिकों को इस बात का ज्ञान भी नहीं है कि उनका पीएफ प्रत्येक माह कटौती के बाद उनके खाते में समय से जमा हो रहा है अथवा नहीं। इसकी कोई जानकारी कर्मचारी के पास नहीं है और न ही ईएसआई कार्ड भी कर्मचारी को आज तक उपलब्ध हुये है। सीएलसी कम्पनी द्वारा श्रमिकों का चार माह कार्य करने पर केवल दो माह का ही वेतन आहरित किया जाता है, जो की उचित नहीं है।
नगर निगम कर्मचारी संगठनों ने महापौर से मांग की है कि सफाई व्यवस्था का कार्य ठेकेदार के माध्यम से न कराकर पूर्व की भांति नगर निगम प्रशासन से कराने के आदेश पारित किए जाए। अन्यथा सफाई कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। महापौर से मुलाकात करने वाली यूनियन में स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ, उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस, सफाई नायक एसोसिएशन, नगर निगम चालक संघ के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य रूप से सफाई कर्मचारी नेता राजेश चौहान, संजय टांक, राहुल चौहान, रामभूल धीगांन, संजय, सतीश पार्चा, सलीम, शक्ति जीनवाल, अशोक गहलोत, अशोक मकवाना, कर्मवीर धींगान आदि मौजूद रहे।