Dainik Athah

भाजपा विधायक- पदाधिकारी छान रहे पूर्वांचल की गलियों की धूल

भाजपा विधायक- पदाधिकारी बहा रहे पूर्वांचल में पसीना

अजीत पाल त्यागी बारांबकी, सुनील शर्मा अजमगढ़ एवं अतुल गर्ग गोरखपुर पहुंचे

सोनभद्र में महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, कई जिलों में घूम रहे हैं संजय कश्यप

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
अपना चुनाव लड़ने के बाद भाजपा विधायक एवं प्रमुख पदाधिकारियों ने पूरी तरह से पूर्वांचल में डेरा डाल दिया है। जिस प्रकार गाजियाबाद जिले वाले पूर्वांचल में मेहनत कर रहे हैं उससे उनका संगठन के प्रति समर्पण भी जाहिर होता है।

मुरादनगर से भाजपा विधायक एवं प्रत्याशी अजीत पाल त्यागी को तो उनके अपने चुनाव के मतदान के अगले दिन से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रदेश संगठन ने भेजना शुरू कर दिया। 11 फरवरी को वे देवबंद, 12 को बिजनौर की नूरपुर पहुंचे। इसके बाद उन्हें लखनऊ बुला लिया गया। वहां से पहले बांदा, इसके बाद बाराबंकी की जैदपुर विधानसभा में उनकी ड्यूटी लगा दी गई। शुक्रवार को जैदपुर में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। इसके बाद प्रदेश संगठन ने उनको बस्ती विधानसभा जाने के निर्देश दिये हैं। इस प्रकार अजीत पाल त्यागी 11 फरवरी से ही गाजियाबाद से बाहर है।

मोदीनगर विधायक डा. मंजू शिवाच को लखीमपुर जिले की तीन सीटों पर भेजा गया था। वे वहां चुनाव होने के बाद वापस लौटी।

यदि बात शहर विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग की करें तो शनिवार रविवार से उनकी ड्यूटी शुरू हुई। पहले वे सीतापुर पहुंचे। इसके बाद वर्तमान समय में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव क्षेत्र गोरखपुर में घर घर जन संपर्क कर रहे हैं। उनके साथ गोरखपुर के व्यापारी भी हैं।

साहिबाबाद से विधायक एवं प्रत्याशी सुनील शर्मा ने शुक्रवार से आजमगढ़ जिले की सगड़ी विधानसभा में जिम्मेदारी संभाल ली है। उन्होंने बताया कि वे पार्टी की बैठकों में शामिल हो रहे हैं तथा जहां कमी होगी उसी क्षेत्र में मुख्य रूप से जायेंगे। हालांकि यह स्थानीय संगठन बतायेगा कि उन्हें क्या क्या करना है। उन्हें खासकर ब्राह्मण वर्ग को साधने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।

इसी प्रकार महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा सोनभद्र में ब्राह्मणों को साधने का काम कर रहे हैं। वे पिछले कई दिनों से सोनभद्र जिले की राबटर््सगंज विधानसभा के साथ ही पड़ौस की अन्य विधानसभाओं में जा रहे हैं। गेल के निदेशक संजय कश्यप चित्रकूट से लेकर वाराणसी तक कश्यप, केवट, मल्लाहों के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों को साधने की मुहिम में लगे हुए हैं।

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