कोरोना महामारी के इस दौर में जब बड़ी राजनीतिक रैलियां नहीं हो रही है, ऐसे में सपा- रालोद गठबंधन के दो लड़कों की जोड़ी ने प्रचार का नायाब तरीका खोज निकाला है। यह नया तरीका जो दिखाई दिया वह पत्रकार वार्ता है। पत्रकार वार्ता के माध्यम से अपनी बात जनता तक पहुंचाना। पत्रकार वार्ता भी कोई चालू नहीं। पूर्ण तैयारियों के साथ। पत्रकार वार्ता के दौरान दोनों युवाओं द्वारा एक घंटे से अधिक का समय देना तथा पत्रकारों के सवालों के जवाब देना एक प्रकार से प्रचार के लिए भरपूर सामग्री परोसना है। पत्रकार वार्ता के बाद रथ रूपी वोल्वो बस से उनका सफर एक प्रकार से रोड शो में तब्दील हो जाता है। शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब पत्रकार वार्ता के लिए दोनों निकले तो गढ़मुक्तेश्वर तक एक प्रकार से उनका रोड शो ही हुआ। जहां भी पार्टी कार्यकर्ता नजर आते हैं अखिलेश लिफ्ट के जरिये ऊपर आ जाते हैं। एक मित्र बताते हैं कि जब इन दोनों दलों के पास स्टार प्रचारकों का अभाव है ऐसे में यह नायाब तरीका है प्रचार का। जबकि विरोधी पार्टी भाजपा के पास स्टार प्रचारकों का कोई अभाव नहीं है। केंद्रीय नेताओं के साथ ही प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों के नेताओं का उपयोग भाजपा प्रदेश में बखूबी कर रही है। सपा- रालोद के प्रचार के तरीके से अन्य दलों को भी सीख लेनी चाहिये। इससे कोरोना का खतरा भी कम होता है। हालांकि भाजपा के स्टार प्रचारक केवल अपनी बात कहने तक सीमित रहते हैं। सवालों का जवाब देने से बचते हैं।