उत्तर प्रदेश में बन रहा है उत्तर भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर
प्रदेश आईटी का हब बन चुका है, अखिलेश को ऐसा कुछ करने का मौका देने से रही जनता
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और वरिष्ठ भाजपा नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर हर दिन एक नया झूठ बोलने का आरोप लगाया है। सिद्धार्थ नाथ ने कहा है कि अखिलेश हर रोज एक नए झूठ के साथ मीडिया के सामने मुखातिब होते हैं। साथ ही पहले बोले गए झूठ को “बासी भात” की तरह दुहराते हैं।
चुनावों के चलते हो रही अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस का पलटवार करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि सपा को पता होना चाहिए कि भाजपा सरकार उत्तरी भारत के सबसे बड़े डेटा सेंटर का निर्माण करवा रही है। कई शहरों में आईटी सेंटर भी बन रहे हैं। सत्ता जाने के डर से जिस नोएडा जाने से वह डरते थे, भाजपा शासनकाल में वहां आईटी सेंटर में इतना निवेश हुआ कि अब उसका शुमार दुनिया के बड़े आईटी हब के रूप में होता है। ऐसे में अब उनको प्रदेश को आईटी हब के रूप में विकसित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैसे जनता उनको ऐसा कुछ करने का मौका कभी भी देने से रही। अखिलेश भले भ्रम में हों जनता का जो करना है वह तय कर चुकी है।
युवाओं के प्रति अखिलेश की हमदर्दी ढोंग
सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि युवाओं के प्रति अखिलेश की हमदर्दी सिर्फ ढोंग है। जिसके कार्यकाल में बेरोजगारों के नाश्ते-पानी के भत्ते का 20 करोड़ रुपये डकार लिए गए हों। जिसके दामन पर 1200 करोड़ रुपये के लैपटॉप घोटाले की कालिख पुती हो। जिसके समय में हर नौकरी की भर्ती के साथ धांधली का एक नया रिकॉर्ड बना हो। जिसके राज में नकल माफियाओं को खाद-पानी देकर मेरिट की हत्या हुई हो वह किस मुंह से युवाओं के हितैषी होने की बात करता है? रही बात 300 यूनिट फ्री बिजली देने की तो याद है ना आपके शासनकाल में चंद जिलों को छोड़ दें तो बिजली आने के लिए नहीं गुल रहने के लिए जानी जाती थी।
हार की हताशा में कनफ्यूज हुए अखिलेश
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि सपा की हार तय है। सारे सर्वे यही बता रहे हैं। सुनिश्चित हार से वह न केवल हताश हैं, बल्कि कंफ्यूज भी। चंद रोज पहले उन्होंने कहा था कि आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के लिए वहां की जनता से आशीर्वाद लेंगे। आज उन्होंने करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अखिलेश यह बताएं कि क्या आजमगढ़ की जनता ने उनको आशीर्वाद नहीं दिया? क्यों उनको रणछोड़ दास बनना पड़ा? क्या यह आजमगढ़ के लोगों का अपमान नहीं है?