… पांच साल मलाई खाई है तो अब चुनाव भी लड़वाओ
गाजियाबाद की शहर विधानसभा सीट चर्चाओं में है और यह चर्चा सत्तारूढ़ पार्टी के प्रत्याशी को लेकर है। दरअसल इसी सीट पर फूल वाली पार्टी के एक बागी ने हाथी की सवारी की है और अब उन्हें चुनाव लड़ाने में भाजपा की ही टीम जुट गई है, वह भी अंदर खाने। दिखाने के लिए विजय नगर के अधिकतर भाजपाई प्रत्याशी के साथ हैं, लेकिन खुलेआम विरोध में करके दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन कर रहे हैं अब करें भी क्यों ना। जब दरबारी लाल ने इसका कारण जानना चाहा तो एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आखिर विधायक जी ने मलाई तो पूरे 5 साल अपने सिपहसालारों को ही बांटी है, तो अब चुनाव भी वही लड़वाएगे
संगठन और प्रत्याशी में तालमेल ना होना…
विधानसभा चुनाव का नामांकन पहले चरण का पूरा हो गया और राजनीतिक कार्यालयों पर विभिन्न चर्चा करते कार्यकर्ता नजर आए। ऐसा ही फूल वाली पार्टी के कार्यालय उद्घाटन के समय कुछ कार्यकर्ता बैठकर चर्चा कर रहे थे कि शहर सीट पर बीजेपी जीत रही है, किंतु दबे स्वर में प्रत्याशी के बारे में ना ना प्रकार की चर्चा भी प्रारंभ हो जाती हैं। ऐसे ही चर्चा के दौरान एक पदाधिकारी को संगठन ने शहर सीट पर जिम्मेदारी दी और जब प्रत्याशी को पता लगा तो उन्होंने पुराने कार्यकर्ता से कह दिया कि यह जिम्मेदारी तो हम किसी और से दिखावा लेंगे आप कुछ और देख लीजिए। इस पर कार्यकर्ता सोच में पड़ गया किस संगठन की जिम्मेदारी का निर्वाह करें या प्रत्याशी के अविश्वास पर लौट के जवाब दे। फिलहाल संगठन और प्रत्याशी की कार्यशैली में तालमेल ना होना कार्यकर्ताओं को दुविधा में डाल रहा है।