… साहब आप आ जाओ, जी जान से लड़ायेंगे चुनाव
टिकट वितरण की बेला में धौलाना सीट पर हाल में वीआरएस लेने वाले अफसर के पास जिले के कार्यकर्ता पहुंचे और गुहार लगाई कि आप धौलाना सीट से ही चुनाव लड़िये। हम जी जान से चुनाव लड़वाकर आपको विजयी बनायेंगे। अब अफसर से नेता बनने की राह पर चलने वाले नेताजी की समझ में नहीं आ रहा है क्या करें। गुहार लगाने वालों में पार्टी के जिम्मेदार लोगों के साथ ही टिकट मांगने वाला भी एक नाम था। लेकिन उनकी मजबूरी यह है कि क्षेत्र से सांसद उनकी ही बिरादरी के सेवानिवृत्त जनरल है। अब उन्हें कैसे अपने पक्ष में करें यह समझ से बाहर है। जबकि सांसद जी भी एक पूर्व विधायक का खुलेआम समर्थन कर रहे हैं। यदि ये अफसर तैयार नहीं होते हैं तो पूर्व विधायक की लाटरी लगनी तय है।
… तो कभी पार्टी भी कार्यकतार्ओं के बारे में सोचें
राजनेताओं की पार्टी में आस्था तब तक रहती है, जब तक उनका स्वार्थ सिद्ध होता रहे। जैसे ही लगता है कि उनकी मनमर्जी के मुताबिक पार्टी में काम नहीं हो रहा है तभी आस्था डगमगाने लगती है और राजनेता पाला बदल लेते हैं। पिछले लंबे समय से हाथी की सवारी कर रहे कुछ नेताओं ने गुरुवार को पाला बदलकर साइकिल की सवारी शुरू कर दी। दरबारी लाल ने जब पाला बदलने वाले नेता से जानकारी की तो उन्होंने अपने दिल का दर्द बताते हुए कहा कि आखिर कब तक पार्टी में मेहनत करते रहते। कभी तो पार्टी को भी कार्यकतार्ओं के बारे में सोचना चाहिए।