… तो भाजपाइयों को लेना चाहिये वीआरएस
केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में इन दिनों ऐसे अफसरों की कतार बढ़ रही है जो वीआरएस लेकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है। पूर्व में भी अनेक आईएएस, आईपीएस एवं पीपीएस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद अथवा वीआरएस लेकर पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ते रहे हैं। बागपत सांसद डा. सत्यपाल सिंह मुंबई पुलिस आयुक्त पद से वीआरएस लेकर दो बार सांसद बन चुके हैं। इसी प्रकार थल सेनाध्यक्ष रहे जनरल वीके सिंह भी लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री है। अब दो नये आईपीएस की भाजपा में घुसपैठ हुई है। उम्मीद है दोनों को ही पार्टी टिकट मिलेगा और वे विधानसभा चुनाव में ताल ठोकेगे। इसको लेकर भाजपा में जमकर चर्चा हो रही है। इस स्थिति पर भाजपा के कार्यकर्ता कहते हैं कि अब तो भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को वीआरएस ले लेना चाहिये।
… जब पार्षद के पास विधायक का टिकट मांगने वालों की लग गई लाइन
चुनावी शंखनाद बज चुका है और अब दावेदार टिकट के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। दावेदारों का प्रयास है कि पार्टी में मजबूत पकड़ रखने वाले लोगों से मिलकर उन्हें अपना बायोडाटा पहुंचा दें और सिफारिश के लिए आग्रह भी कर लें। इसी कड़ी में प्रदेश के वाल्मीकि समाज के नेता एवं देश की सबसे बड़ी पार्टी में क्षेत्रीय पदाधिकारी, जो इस समय नगर निगम में पार्षद भी है के पास पांच दावेदार पहुंचे जो बाहरी जिलों से थे। उन्होंने मेंबर साहब को अपना बायोडाटा देते हुए पार्टी हाईकमान से सिफारिश की गुहार लगाई और वापस लौट गए। यह देख कर दरबारी लाल भी हैरत में पड़ गए कि पार्षद के पास विधायक का टिकट पाने वालों की लाइन लगी है और पार्टी है कि वह तवज्जो ही नहीं दे रही।