टीबी को लेकर सामुदायिक स्तर पर किया जाएगा संवेदीकरण
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शासन के निर्देश पर नौ जनवरी तक आईकोनिक वीक आॅफ हेल्थ का आयोजन किया जाएगा। राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी ने गाजियाबाद समेत सूबे के सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि आईकोनिक वीक आॅफ हेल्थ के दौरान सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग और उसके उपचार के प्रति संवेदीकरण किया जाए। सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग के लक्षण, जांच और उपचार की जानकारी दी जाए ताकि क्षय रोगियों की जल्दी पहचान और उपचार शुरू किया जा सके।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. आरके यादव ने मंगलवार को बताया- पांच और छह जनवरी को जनपद के स्कूल, कालेज, मदरसों के साथ-साथ एनसीसी और एनएसएस के छात्रों का संवेदीकरण किया जाएगा। सात और आठ जनवरी को प्रमुख धर्मगुरुओं का इस विषय पर संवेदीकरण का कार्यक्रम है। नौ जनवरी को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठक, नुक्कड़ नाटक और मैजिक शो एवं अन्य जागरूकता गतिविधियों के आयोजन के साथ आईकोनिक वीक आॅफ हेल्थ संपन्न होगा।
डीटीओ ने बताया क्षय रोग (टीबी) भारत का सबसे बड़ा संक्रामक रोग है। वर्ष 2019 में देश में लगभग 24 लाख टीबी के मामले मिले थे। इनमें से 20 फीसदी मरीज उत्तर प्रदेश में हैं। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में कुल 66 हजार मरीज एमडीआर टीबी के हैं। डीटीओ ने बताया एमडीआर यानि मल्टी ड्रग रेसिस्ट टीबी उन मरीजों को होती है जो उपचार पूर्ण होने से पहले ही दवा छोड़ देते हैं। उस स्थिति में टीबी का उपचार मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा पूर्ण उपचार के लिए हर टीबी मरीज को कम से कम छह माह दवा अवश्य खानी होती है। उसके बाद यदि जरूरत है तभी चिकित्सक उपचार जारी रखने की सलाह देते हैं। इसलिए नियमित रूप से दवा का सेवन करें और चिकित्सक की सलाह के बिना दवा न छोड़ें।
डीटीओ ने कहा – टीबी के उपचार की सबसे बेहतर दवा स्वास्थ्य विभाग निशुल्क उपलब्ध कराता है और नियमित रूप से दवा खाने पर टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। कई सप्ताह तक चलने वाली खांसी, बलगम या रक्त के साथ खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और सीने में दर्द टीबी के लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग टीबी की निशुल्क जांच और उपचार उपलब्ध कराता है। टीबी रोगियों को पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है, इसके लिए भारत सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत हर रोगी को प्रति माह पांच सौ रुपए का भुगतान उसके खाते में किया जाता है। अच्छी प्रोटीन युक्त खुराक लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनी रहती है, इसलिए टीबी रोगियों को प्रोटीन युक्त भोजन की सलाह दी जाती है।
जिले में हैं16 टीबी यूनिट
डीटीओ डा. आरके यादव ने बताया जिले में 16 टीबी यूनिट कार्यरत हैं। टीबी यूनिट जिला एमएमजी चिकित्सालय के अलावा संयुक्त जिला चिकित्सालय, संजयनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरादनगर, मोदीनगर, डासना, लोनी, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोड़ा गांव, साहिबाबाद गांव, विजयनगर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बम्हेटा, फरीदनगर, भोजपुर, पसौंडा और ईएसआई चिकित्सालय साहिबाबाद आदि कार्यरत हैं।