… ऐसे ही तो नहीं उठ रहे ओबीसी मोर्चे के अध्यक्ष पर सवाल
पिछले दिनों फूल वाली पार्टी ने ओबीसी का जिला व महानगर का संयुक्त सम्मेलन लाइनपार में किया। सम्मेलन में भीड़ महानगर वालों ने जुटाई। सम्मेलन में मोर्चे के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी थे। दरबारी लाल को पता चला कि सम्मेलन में भीड़ लाने की जिम्मेदारी जिले वालों की भी थी। लेकिन जिले के ओबीसी अध्यक्ष जी मात्र छह लोगों के साथ सम्मेलन में पहुंचे और मंच पर स्थान प्राप्त कर लिया। अब चर्चा यह है कि संयुक्त कार्यक्रमों में क्या जिस क्षेत्र में कार्यक्रम है उन पदाधिकारियों की ही जिम्मेदारी है। यदि ऐसा है तो फिर आगे …
जहां कार्यकर्ता एक दूसरे से दूरी बनाए रखे हो…
विधानसभा चुनाव में पार्टियां जीत का लक्ष्य रखकर पुराने कार्यकतार्ओं को जहां जिम्मेदारी देने में लगी है वहीं, नेता भी पार्टी में जिम्मेदारी मिलने के बाद सक्रिय हो रहे हैं। ऐसे ही साइकिल वाली पार्टी में अल्पसंख्यक सभा का प्रदेश सचिव एक पुराने नेता को बनाया गया। उनके बेटे को यूथ ब्रिगेड में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई, यह जिम्मेदारी मिलने के बाद क्षेत्र और समाज के लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। लेकिन दो दिन निकल जाने के बावजूद पार्टी के महानगर और जिलाध्यक्ष ने ना तो बधाई दी और ना ही अपने जिले के कार्यालय पर आने का निमंत्रण दिया। ऐसे में जहां कार्यकर्ता एक दूसरे से दूरी बनाए रखे हो तो 2022 विधानसभा में कैसे साइकिल की होगी नैया पार।