सीमा सड़क संगठन ने बनाये नये पुल, 43 करोड़ रुपये आई लागत
वीडियो कांफ्रेंस के जरिये किया उद्घाटन
नये पुलों के निर्माण से आवागमन होगा आसान, चल सकेंगी बसें
पंजाब से जम्मू- कश्मीर आना जाना होगा आसान
कठुआ (जम्मू)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाये गये छह नये पुलों का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। सभी पुलों की कुल लागत करीब 46 करोड़ रुपये है। इन पुलों के बनने से जम्मू में पाकिस्तान सीमा के आसपास के करीब दो सौ से गांवों के लोगों को लाभ होगा।
बृहस्पितवार को पुलों का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि इन पुलों का निर्माण दुश्मनों (पाकिस्तान) द्वारा निरंतर सीमा पर गोलीबारी के बावजूद समय पर पूरा कर लिया गया है। कोरोना के कारण दो माह तक लॉक डाउन के बीच सीमा सड़क संगठन ने विकास की गति जारी रखते हुए कठुआ जिले में तीसरा बड़ा मोटरेबल पुल तैयार कर दिया। करीब 16 करोड़ की लागत से तैयार पुल का भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा स्थानीय सांसद एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकार्पण किया।
इसके साथ ही तीन अन्य छोटे पुलों का लोकार्पण भी हुआ। सीमांत क्षेत्र के सौ गावों के लोगों की तकदीर बदलने वाले पुल को बरसात शुरू होने से पहले आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। कोरोना संकट के दौरान जिला कठुआ के हीरानगर सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए यह केंद्र सरकार का सबसे बड़ा तोहफा होगा। इस पुल के बनने से भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्र में उन 35 गांवों के लोगों के लिए नया युग लेकर आएगा, जो आए दिन पाकिस्तान की गोलीबारी का दंश झेल रहे हैं। अब किसी भी आपात स्थिति में चंद मिनटों में वह सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकेंगे। केंद्र सरकार व क्षेत्र के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयास से सीमांत क्षेत्र में गोलीबारी की सीधी मार से बचने के लिए बंकरों का निर्माण भी जारी है। इससे भी लोगों को काफी सुरक्षा मिलने लगी है। वहीं, अब बेहतर सड़क सुविधा मिलने से लोगों का जीवन स्तर में सुधार आएगा।
सौ करोड़ से बन चुके हैं तीन पुल
बता दें कि एक वर्ष के दौरान जिस मार्ग पर तरनाह नाले का पुल बना है, इसी पुराने सांबा -कठुआ मार्ग पर ये तीसरा बड़ा पुल बना। जिस पर करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आई है। एक पुल बेई नाले पर बनकर तैयार हुआ है, उसका भी उदघाटन ऑनलाइन ही हुआ था, जबकि उज्ज दरिया पर बने पंडोरी के पास पुल का लोकार्पण खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था। इसी के साथ करीब 8 और छोटे पुलों का निर्माण जारी है। जिसमें तीन छोटे पुलों का तरनाह नाले के साथ ही लोकार्पण हो जाएगा। उसके बाद इसी मार्ग पर पांच और छोटे पुलों का निर्माण अगले तीन महीने में हो जाएगा। जिनकी लागत भी 25 करोड़ से ज्यादा हैे। इन पुलों का लाभ सिर्फ कठुआ जिला को ही नहीं, बल्कि सांबा, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर के लोगों को भी होगा। जिनके लिए जम्मू जाने के लिए दूसरा वैकल्पिक हाईवे बनेगा। सबसे अहम यह मार्ग हाईवे टोल प्लाजा टैक्स से मुक्त होगा।
60 सीमांत गांवों को फायदा
इससे न केवल सीमा क्षेत्र के साठ के करीब गांवों के लोगों को हीरानगर आने जाने की सुविधा मिलेगी, बल्कि सांबा-कठुआ ओल्ड मार्ग पर दोबारा बसें दौड़ेगी। यह बसें 1980 के बाद खस्ताहाल मार्ग तथा नालों पर पुल नहीं होने की वजह से बंद हो गई थीं।