… मैडम की मेहनत के बावजूद नहीं होता नजर आ रहा कुछ
पंजे वाली पार्टी के नेता इन दिनों खासे परेशान है। उन्हें लगता था कि मैडम वाड्रा के मैदान में उतरने के बाद पार्टी तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी। इस लिहाज से उन्होंने क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं की थाह लेनी शुरू की। लेकिन बाद में फूल वाली पार्टी के अपने सजातीय नेता से बात करते हुए दिल की व्यथा सुनाई। कहा मैडम के आने के बाद भी कुछ बदलता नजर नहीं आ रहा। ले देकर दो फीसद वोट भी बढ़ जाये तो गनीमत है। कहते हुए नेताजी रुआंसे हो गये। इतना ही कहते हैं पूर्व में फूल वाली पार्टी से छिटक रहे पंडित भी साइकिल की सवारी करने को तैयार है। वे भी अपनी मूल पार्टी में नहीं लौटना चाहते। नेताजी की चिंता यह है कि बढ़ती उम्र में अब वे दल बदलें या नहीं कारण की पंजे में अब दम नजर नहीं आ रहा है।
…कितने ही सम्मेलन करा लो, बूथ पर वही पुराने दिखेंगे
देश की सबसे बड़ी पार्टी में इस समय बूथों को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। तमाम सम्मेलन करके उन्हें चुनावी गुर दिए जा रहे है। इसी को लेकर एक पार्क में चाय पर चर्चा चल रही थी। कुछ पार्षद भी बैठे थे और फूल वाली पार्टी के नेता भी। सभी पार्टी को लेकर तरह-तरह की बात कह रहे थे। तभी कविनगर जोन में कई बार से पार्षद महोदय ने कार्यकतार्ओं की तकलीफ बताते हुए कहा कि कुछ लोग नौकरीपेशा है तो कुछ अपना व्यापार कर रहे है। पार्टी ने इतना व्यस्त कर दिया है कि रोज-रोज उन्हें अपना काम छोड़कर कार्यक्रमों में शामिल होना पड़ रहा है। लेकिन हकीकत ये है कि जब चुनाव होंगे तो बूथ पर वहीं पुराने लोग दिखाई देंगे, जो कार्यक्रमों में कभी दिखाई नहीं देते। आखिर हमने भी कितने ही चुनाव कराएं हैं।