– भूगर्भ जल घरेलू कृषि व उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत होने के कारण खाद्य और जीविका का आधार
– बारिश का जल खास तौर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा कर एकत्र किया जाए
– प्राकृतिक रूप से जल स्तर ऊपर उठाने और जल दोहन रोका के प्रयास तेज हो
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक आहूत की गयी। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल की संरक्षा व नियंत्रण करने के लिए अधिकारियों को ठोस कदम उठाने होंगे, क्योंकि भूगर्भ जल के स्तरों में आई गिरावट से कठिन स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में जल के स्रोतों में कमी आ गई है, भूगर्भ जल घरेलू कृषि व उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत होने के कारण खाद्य और जीविका का आधार है, इसलिए भूमि में वनस्पति इत्यादि उत्पन्न करता है।
उन्होंने कहा कि बारिश का जल खास तौर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा कर एकत्र किया जाए जिससे उसका उपयोग अनेक कार्यों में किया जा सके। प्राकृतिक रूप से जल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं और जल दोहन रोका जाए। भूगर्भ जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक दंड व सजा का भी प्रावधान है।
बैठक में पोर्टल पर नोटिफाइड क्षेत्र के एनओसी निर्गमन/नवीनीकरण के लिए प्राप्त 30 आवेदन, नॉन-नोटिफाइड क्षेत्र के कूप एनओसी के लिए प्राप्त 10 आवेदन एवं एमएसएमई श्रेणी के 27 एनओसी0 आवेदन, एमएसएमई श्रेणी के 2 कूप पंजीकरण आवेदन, नॉन-नोटीफाइड क्षेत्र के 01 कूप पंजीकरण आवेदन सहित कुल 70 आवेदनों पर विचार किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से कम क्षेत्रफल के आवासीय भवनों/संरचनाओं पर भी रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित कराये जाने के लिए अधिशासी अभियन्ता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण एके चौधरी को निर्देशित किया गया। आकाश वशिष्ठ (नामित सदस्य) द्वारा पूर्व में स्वीकृत अनापत्ति प्रमाण पत्रों के सापेक्ष संस्थाओं द्वारा किये गये कम्प्लाइंसेज यथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना/आर्टीफिशियल रिचार्ज की व्यवस्था, पीजोमीटर की स्थापना, बोरवैल पर डिजिटल वाटर फ्लो मीटर की स्थापना आदि के निरीक्षण के लिए परिष्द से किये गये अनुरोध के क्रम में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा उपसमिति/टॉस्क फोर्स को उक्त निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया।बैठक में सोनिया मुराडिया, फ्रेन्ड्स एनजीओ संचालक (गैर-सरकारी संगठन) द्वारा निजी आवासीय भवनों में उपयोग में लाये जा रहे भूगर्भ जल को रिसाइकिल/री-यूज कराने के लिए सुझाव दिए गए। इस अवसर पर परियोजना निदेशक पीएन दीक्षित, संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेन्द्र कुमार, अधिशासी अभियन्ता जीडीए एके चौधरी, सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई विभाग हरिओम, उप प्रभागीय वन अधिकारी आशुतोष पाण्डेय एवं अवर अभियन्ता भूगर्भ जल विभाग गौतमबुद्धनगर राहुल देव शर्मा उपस्थित रहे।