Dainik Athah

नम आंखों से दी शहीद अमरीश त्यागी को विदाई

– जब तक सूरज चांद रहेगा, अमरीश तेरा नाम रहेगा के नारों के बीच हजारों लोगों ने
– सेना ने अंतिम संस्कार से पहले शहीद अमरीश त्यागी को दी सलामी
– गंग नहर पुल से लेकर हिसाली तक तीन घंटे में पहुंची शव यात्रा, उमड़ा जन सैलाब
– 16 वर्ष बाद मिला था पवर्तारोही अमरीश त्यागी का शव

अथाह संवाददाता
मुरादनगर। उत्तराखंड की गंगोत्री हिमालय में खाई से 16 साल बाद मिले पर्वतारोही सैनिक अमरीश त्यागी की अंतिम यात्रा में मंगलवार को जनसैलाब उमड पड़ा। सैन्य सम्मान के साथ गांव हिंसाली स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। भतीते दीपक त्यागी ने अमरीश त्यागी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी तो वहां पर मौजूद सभी की आंखे नम हो गई। इस दौरान संस्कार स्थल पर भारत माता की जय, हिन्दुस्तान जिंदाबाद के साथ ही जब तक सूरज चांद रहेंगा ,अमरीश तेरा नाम रहेंगा जैसे नारों से आसमान गूंजता रहा। गंग नहर से शुरू हुई शव यात्रा में ऐसा लगा जैसे जन सैलाब उमड़ पड़ा हो।


बता दें कि गांव हिंसाली निवासी राजकुमार त्यागी के सबसे छोटे पुत्र अमरीश त्यागी सेना में नायक पद पर तैनात थे। सितम्बर सन 2005 में सेना के 25 सदस्यों के दल ने हिमालय की सबसे ऊॅची चोटी संतोपथ (7075) को फतह का तिरंगा फहराया था। सेना के दल में गांव हिंसाली निवासी अमरीश त्यागी भी शामिल थे। जब वह वापस आ रहे थे तो 23 सितम्बर 2005 को अचानक चार जवानों के पैर फिसल गए और वह गहरी खाई में जा गिरे। जिनमें से रेस्क्यू करके तीन सैनिकों के शव बरामद कर लिये गये थे ,जबकि अमरीश त्यागी का शव नहीं मिला था।
अमरीश त्यागी के भाई विरेश त्यागी ने बताया कि सन 2006 में सेना ने अमरीश त्यागी को मृत घोषित मृत्यू प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। 23 सितम्बर 2021 को अश्वनी त्यागी का शव खाई से बरामद हो गया। अमरीश त्यागी का पार्थिव शरीर मंगलवार को मुरादनगर पहुंचा। सैनिक के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए मंगलवार सुबह से ही लोग मुरादनगर गंगनहर पुल के पास एकत्र होने शुरू हो गए। 10:10 बजे के आसपास पार्थिव शरीर मुरादनगर गंगनहर पुल पर पहुंचा। इसके बाद दिल्ली मेरठ मार्ग होते गांव हिंसाली पहुंचा। अंतिम यात्रा में भीड़ इतनी अधिक थी कि पार्थिव शरीर को गांव हिसाली तक पहुंचने में तीन घंटे का समय लगा। 1:45 बजे के आसपास भतीजे दीपक त्यागी ने मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में विधायक अजीतपाल त्यागी, ब्लॉक प्रमुख राजीव त्यागी, अध्यामित्क गुरु पवन सिन्हा, भाजपा पश्चिम क्षेत्र संयोजक मीडिया सपर्क विभाग अमित त्यागी, अश्वनी त्यागी, जदयू के प्रधान राष्टÑीय महासचिव केसी त्यागी के पुत्र अमरीश त्यागी, जिला पंचायत सदस्य अमित त्यागी सरना, विकास यादव, केडी त्यागी, रालोद के वरिष्ठ नेता अमरजीत सिंह बिड्डी, भूषण त्यागी, एसडीएम आदित्य प्रजापति, सपा महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी, तहसीलदार प्रकाश सिंह व थाना प्रभारी सतीश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे। अंतिम संस्कार से पहले सेना की गारद ने भी शहीद को सलामी दी।


अमरीश त्यागी का पार्थिव शरीर आने के इंतजार में गांव हिंसाली सहित आसपास गांवों व कॉलोनियों के लोग मंगलवार सुबह आठ बजे से मुरादनगर गंगनहर पुल पर एकत्र होना शुरू हो गए थे। दस बजे के आसपास वहां पर हजारों लोग मौजूद थे। 10:10 बजे के आसपास पिार्थव शरीर गंगनहर पुल तक पहुंचा। भीड इतनाी अधिक थी कि गंगनहर मुरादनगर से गांव हिंंसाली तक पहुंचने में तीन घंटे का समय लग गया। गांव हिंसाली में सैनिक के घर से लेकर श्मशान घाट तक लोगों के सिर ही सिर नजर आ थे। बताया जा रहा है कि अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए है। सुरक्षा की दृष्ठि से अत्येष्ठि स्थल पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। अंतिम संस्कार के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हॉल था। यह देखकर वहां पर मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गई।


– शव यात्रा के कारण दिल्ली- मेरठ रोड पर रही भीषण जाम की स्थिति
शव यात्रा के कारण दिल्ली- मेरठ रोड पर भीषण जाम की स्थिति रही
शहीद अमरीश त्यागी की शव यात्रा के चलते मुरादनगर में दिल्ली- मेरठ रोड पर भीषण जाम की स्थिति बन गई। इस कारण लोगों को संपर्क मार्गों से अपनी मंजिल तय करनी पड़ी। अंतिम यात्रा में विधायक अजीत पाल त्यागी एवं मुरादनगर ब्लाक प्रमुख राजीव त्यागी पूरे रास्ते शव वाहन के आगे पैदल चलते रहे।


– शहीद अमरीश त्यागी ने मुरादनगर क्षेत्र का नाम ऊंचा किया: अजीत पाल त्यागी
इस मौके पर मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी ने कहा कि अमरीश त्यागी ने हिसाली के साथ ही मुरादनगर एवं गाजियाबाद जिले का नाम ऊंचा किया है। मुरादनगर क्षेत्र एवं गाजियाबाद जिले के लोग उनकी शहादत को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुरादनगर क्षेत्र एवं गाजियाबाद जिले के लोगों को उनकी शहादत पर गर्व है। आज जिस प्रकार उनके अंतिम संस्कार में जन सैलाब उमड़ा है यह उसका गवाह है। मैं ऐसे जांबाज को नमन करता हूं।

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