– 10.01 लाख से अधिक बालिकाओं को डीबीटी के जरिए मिला लाभ
– मिशन शक्ति अभियान के चलते जोड़ी गई 1.55 लाख बालिकाएं
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। कन्या सुमंगला योजना से प्रदेश की बेटियों का उत्थान हुआ है। प्रदेश सरकार ने 15 दिसंबर तक इस योजना से लगभग दो लाख नई पात्र बालिकाओं को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन पात्र नई बालिकाओं को योजना से जोड़ अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तहत इस योजना से नई पात्र बालिकाओं को जोड़ने का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से तीन माह से कम समय में प्रदेश के 75 जिलों की लगभग 2 लाख नई बालिकाओं को योजना का लाभ प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में विभाग ने एक कार्य योजना बनाई है जिसमें जिलों को उनके संबंधित लक्ष्यों के बारे में निर्देशित किया गया है जिसके अनुसार वे काम करेंगे।
प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने साथ ही बालिका के प्रति आम जन में सकारात्मक सोच विकसित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरूआत की। एक अप्रैल 2019 को लागू की गई इस योजना ने अब तक उत्तर प्रदेश में 10.01 लाख से अधिक लड़कियों को डीबीटी के माध्यम से लाभान्वित किया है। मिशन शक्ति अभियान की मदद से योजना के तहत 1.55 लाख से अधिक नई पात्र बालिकाओं को जोड़ा गया।
– तीन माह में पूरा करेंगे लक्ष्य
राज्य में मिशन शक्ति 3.0 जैसे प्रमुख अभियान इस बात का प्रमाण हैं कि सीएम योगी ने महिलाओं और लड़कियों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। चरणबद्ध तरीके से लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 15 अक्टूबर तक, जिलों को 70,000 नए लाभार्थियों को कवर करने के लिए निर्देश दिए हैं वहीं नवंबर माह के लिए 70,000 और दिसंबर माह के लिए योजना के तहत 60,000 पात्र नई बालिकाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है। इस तरह विभाग 2 लाख नई बालिकाओं को योजना से जोड़ेगा।